पूर्व सीएम और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को कोर्ट से झटका, इस मामले में केस दर्ज करने का आदेश निकला
जबलपुर: जबलपुर की एक विशेष अदालत ने कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा की याचिका पर शनिवार को शिवराज सिंह चौहान, भाजपा की मध्य प्रदेश इकाई के प्रमुख वीडी शर्मा और पूर्व मंत्री भूपेन्द्र सिंह के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज करने का आदेश दिया है। याचिकाकर्ता के वकील एचएस छाबड़ा ने को बताया कि …
जबलपुर: जबलपुर की एक विशेष अदालत ने कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा की याचिका पर शनिवार को शिवराज सिंह चौहान, भाजपा की मध्य प्रदेश इकाई के प्रमुख वीडी शर्मा और पूर्व मंत्री भूपेन्द्र सिंह के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज करने का आदेश दिया है। याचिकाकर्ता के वकील एचएस छाबड़ा ने को बताया कि सांसद, विधायक मामलों से संबंधित न्यायिक दंडाधिकारी विश्वेश्वरी मिश्रा (प्रथम श्रेणी) की विशेष अदालत ने अपने आदेश में प्रथम दृष्टया मुकदमे के लिए पर्याप्त साक्ष्य पाए जाने के बाद मानहानि का मामला दर्ज करने का निर्देश दिया।
मालूम हो कि पंचायत चुनाव में रोटेशन का पालन नहीं होने पर चुनाव प्रक्रिया निरस्त हो गई थी। आखिर में सुप्रीम कोर्ट ने लंबी बिना ओबीसी आरक्षण के ही चुनाव कराने के आदेश जारी कर दिए थे। इसके लिए शिवराज सिंह चौहान, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा एवं भूपेंद्र सिंह ने विवेक तन्खा को जिम्मेदार ठहराते हुए आरोप लगाया था कि सुप्रीम कोर्ट में उनकी याचिका के चलते ऐसा आदेश जारी हुआ है। इसके बाद विवेक तन्खा ने भाजपा नेताओं पर मानहानि का केस दाखिल किया था।
पिछले साल 29 अप्रैल को विवेक तन्खा ने मानहानि मामले में अदालत में अपना प्रारंभिक बयान दर्ज कराया था। तन्खा हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता भी हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि भाजपा नेताओं ने उनकी छवि खराब करते हुए गलत दावा किया कि वह 2021 में पंचायत चुनाव में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) आरक्षण से संबंधित शीर्ष अदालत के एक मामले में शामिल थे।
विवेक तन्खा ने अपने बयान में कहा कि उन्होंने न तो ओबीसी आरक्षण से संबंधित किसी भी अदालती कार्यवाही में भाग लिया है और ना ही इस मुद्दे पर कोई याचिका दायर की है। विवेक तन्खा ने वीडी शर्मा, शिवराज सिंह चौहान और भूपेन्द्र सिंह के खिलाफ 10 करोड़ रुपये का मानहानि संबंधी मामला दायर किया था। तन्खा ने शिवराज समेत तीनों नेताओं को नोटिस भेजा था। नोटिस में तीन दिन में भाजपा नेताओं से माफी मांगने की बात कही गई थी। नोटिस का जवाब नहीं मिलने पर तन्खा की ओर से 6 जनवरी 2023 को जिला न्यायालय में परिवाद दायर कर दिया गया था।