World Environment डे | चौपले का दावा है कि उन्होंने तीन साल पहले इस पहल की शुरुआत की थी। उस दिन से लेकर आज तक उन्होंने करीब पांच हजार लोगों और एनजीओ को बीज बांटे हैं। उन्होंने अपने घर को बीज बैंक के रूप में शुरू किया है। उनके पास अलग-अलग प्रकार के 150 तरह के बीज हैं।
पेड़ों की महत्ता को समझाने के लिए महाराष्ट्र के एक युवक ने अपने घर में ही बीजों का बैंक खोला है। लोगों को अधिक से अधिक पेड़ लगाने के लिए प्रेरित करने के युवक ने बैंक खोला है। जिला प्रशासन के एक अधिकारी ने शिव शंकर चौपले (36) के इस पहल की सराहना करते हुए बताया कि युवक लातूर जिले के रेनापुर तहसील का रहने वाला है। अधिकारी का कहना है कि चौपले मुफ्त में लोगों को बीज उपलब्ध कराते हैं। कई छात्र और नागरिक उनसे प्रेरित होकर पेड़ लगा रहे हैं।
चौपले का दावा है कि उन्होंने तीन साल पहले इस पहल की शुरुआत की थी। उस दिन से लेकर आज तक उन्होंने करीब पांच हजार लोगों और एनजीओ को बीज बांटे हैं। उन्होंने अपने घर को बीज बैंक के रूप में शुरू किया है। उनके पास अलग-अलग प्रकार के 150 तरह के बीज हैं। एक निजी गैस एजेंसी में काम करने वाले चौपले का कहना है कि वह लोगों को मुफ्त में पौधारोपण के लिए बीज देते हैं, जो स्वास्थ्य और पर्यावरण दोनों के लिए लाभदायक है। चौपले का कहना है कि बीज बैंक बनाने का उद्देश्य है कि वह पौधा रोपण बढ़ा सकें और समाज में पर्यावरण को लेकर जागरूकता ला सकें।
चौपले का कहना है कि वह सिर्फ 12वीं तक ही पढ़े हैं। बचपन से ही उन्हें प्रकृति से प्यार हो गया था। वह पिछले छह-सात सालों से अपने और पेड़ों के बीच एक रिश्ते को अनुभव करते हैं। इसके साथ ही वह लोगों को प्लास्टिक बॉटल के दोबारा इस्तेमाल करने को लेकर भी जागरूक करते हैं। वह फिकी हुई प्लास्टिक बॉटल को इकट्ठा करते हैं और उनमें बीज भरकर रख लेते हैं। उनका कहना है कि आज की घड़ी में पौधारोपण काफी आवश्यक है। इस तरह के मुहिमों को चलाने की भी अधिक आवश्यकता है। पेड़ों के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए मैंने बीज बैंक का निर्माण किया है। अब लोग भी इस मुहिम में उनका साथ दे रहे हैं और भविष्य को बचाने के लिए उनका साथ दे रहे हैं।
लातूर जिला परिषद के कृषि विभाग के कैंपेन अधिकारी गोपाल शेरखाने ने चौपाले की सराहना की है। उन्होंने कहा कि चौपाले के प्रयासों के कारण आज सैकड़ों लोग इस अभियान से जुड़े चुके हैं। क्षेत्र और आसपास के इलाकों में काफी ज्यादा पौधारोपण किया जा रहा है। कई सारे देशी प्रजाति के पेड़-पौधे अब नष्ट हो चुके हैं, जिसके लिए चौपाले लोगों को जागरूक कर रहे हैं और उनके बीज लोगों को मुफ्त में दे रहे हैं।