भारत

करोड़पति सिपाही पर शिकंजा!

Sonam
19 July 2023 3:43 AM GMT
करोड़पति सिपाही पर शिकंजा!
x

महंत नरेंद्र गिरि के साथ बतौर गनर तैनात रहा सिपाही अजय कुमार सिंह कर्नलगंज थाने में भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज होने पर सुर्खियों में आ गया है। पुलिस विभाग में उसकी नौकरी 18 साल की हो चुकी है लेकिन महंत के साथ तैनाती के दौरान उसने करोड़ों की संपत्ति बना ली।

करोड़पति सिपाही के पास इतना धन किन तरीकों से आया, अब भ्रष्टाचार निवारण संगठन ने इसकी जांच शुरू कर दी है। बलिया में सिकंदरपुर के कोदई गांव निवासी अजय कुमार सिंह जुलाई 2005 में सिपाही पद भर्ती हुआ था। वर्ष 2012 में उसकी तैनाती प्रयागराज जनपद में हो गई। कुछ समय बाद उसे महंत नरेंद्र गिरि की सुरक्षा में लगा दिया गया।

महंत का खास था अजय

बाकी सिपाहियों की तुलना में अजय महंत का ज्यादा खास होता गया। तमाम मामलों में महंत नरेंद्र गिरि सिपाही अजय से सलाह लेते। वह इस कदर धनवान होता गया कि पत्नी के नाम दो फ्लैट खरीद लिए। महंत के साथ रहते हेड कांस्टेबल पद पर प्रोन्नत हुए अजय पर शायद कभी आंच नहीं आती।

मगर 20 सितंबर 2021 को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के तत्कालीन अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि अल्लापुर स्थित श्रीमठ बाघम्बरी गद्दी के कमरे में फंदे से लटके मिले थे। महंत की आत्महत्या में आरोपित आनंद गिरि के अलावा सामाजिक कार्यकर्ता नूतन ठाकुर ने भी अजय पर आय से अधिक संपत्ति बनाने का आरोप लगाकर उसे चर्चा में ला दिया था।

2022 में शासन ने दिए थे जांच के आदेश

शासन ने दिसंबर 2022 में जांच का आदेश दिया। इस साल जनवरी में भ्रष्टाचार निवारण संगठन की प्रयागराज शाखा के निरीक्षक ठाकुर दास ने आय से अधिक संपत्ति की जांच शुरू की। उन्होंने पाया कि वेतन और अन्य वैध स्रोत से सिपाही की आय 95 लाख 79 हजार रुपये रही लेकिन उसने संपत्ति खरीदने और अन्य मद में एक करोड़ 22 लाख 58 हजार से ज्यादा खर्च किए।

सीबीआइ ने की पूछताछ तो बेच दी फारच्यूनर

भ्रष्टाचार निवारण संगठन के निरीक्षक ठाकुर दास की जांच में पता चला कि महंत की आत्महत्या के बाद जब अजय सिंह मीडिया में घिरा और सीबीआइ ने भी पूछताछ की तो वह घबरा गया। उसने फारच्यूनर गाड़ी बेच दी। अब उसके पास आल्टो कार और एक बाइक है।

अल्लापुर स्थित मठ के बगल संगम लिंक अपार्टमेंट में पत्नी वंदना के नाम तीन बीएचके का फ्लैट है। इसकी कीमत 54 लाख आंकी गई है। निजी लाइसेंसी पिस्टल भी है। भ्रष्टाचार निवारण संगठन को उसके पास बेनामी संपत्तियां होने का भी पता चला है।

रहन-सहन के दिखावे से फंसता गया अजय

ब्रह्मलीन महंत नरेंद्र गिरि के साथ तैनाती के दौरान सिपाही से दीवान और धनवान बने अजय सिंह ने अपने ऐशो-आराम की नुमाइश में भी कोई कमी नहीं रखी। उसकी तमाम फोटो इंटरनेट मीडिया पर आती रही, जिसमें कभी वह फारच्यूनर गाड़ी की सवारी करते तो कभी अपने आलीशान फ्लैट का प्रदर्शन करता दिखा।

अपने शानदार रहन-सहन की तस्वीरों को इंटरनेट मीडिया पर डालने और महंत से नजदीकी के कारण मठ के बाकी लोगों की आंखों में वह खटकने लगा। नतीजन महंत की मृत्यु के बाद उसे एक न्यायिक अधिकारी की सुरक्षा में लगाकर जांच शुरू कर दी गई।

Sonam

Sonam

    Next Story