दिल्ली-एनसीआर

रेत माफिया नावों में इंजन बांधकर करते खनन

25 Jan 2024 1:25 PM GMT
रेत माफिया नावों में इंजन बांधकर करते खनन
x

ओंकारेश्वर। नर्मदा में रेत खनन के लिए प्रतिबंधित घाटों पर माफिया नावों में इंजन बांधकर अवैध रेत खनन कर रहे हैं। नाव पर विशेष तरीके से फिट किए गए डीजल पंप और सेक्शन पाइप के जरिए बीच धारा से अवैध खनन किया जा रहा है। इसमें संगठित तरीके से नावों की कतार लगाकर बीच धारा …

ओंकारेश्वर। नर्मदा में रेत खनन के लिए प्रतिबंधित घाटों पर माफिया नावों में इंजन बांधकर अवैध रेत खनन कर रहे हैं। नाव पर विशेष तरीके से फिट किए गए डीजल पंप और सेक्शन पाइप के जरिए बीच धारा से अवैध खनन किया जा रहा है। इसमें संगठित तरीके से नावों की कतार लगाकर बीच धारा से रेत को पानी के साथ निकाला जा रहा है। ये पंप रेत के साथ पानी भी उगलते हैं, जिसे विशेष तरीके से तैयार नावों के एकत्र किया जाता है। नर्मदा तट पर बसे बिलोरा बुजुर्ग गांव में माफिया लंबे समय से अवैध तरीके से कारोबार कर रहे हैं। इसकी ग्रामीणों ने कई बार शिकायत की लेकिन कोई बड़ी कार्रवाई नहीं की गई।

स्थानीय अधिकारियों की मिलीभगत के चलते कोई कार्रवाई नहीं होती, जिससे इनके हाैसले बुलंद है। बिलोरा के आसपास के गांवों में युवा इसी कारोबार में लिप्त हैं। बिलोरा में करीब 15 नाव से बालू रेत निकालने का काम चल रहा है। माफिया इतने बेखौफ हैं कि बीच धार से रेत निकालने के बाद वे रेत का ढेर भी नर्मदा के किनारे लगा रहे हैं। एक नाव में चार मजदूर मशीन लगाकर रेत निकालते हैं। इन मजदूरों को एक ट्रॉली रेत भरने पर करीब 3500 रु. मिलते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में बालू रेत 5000 से लेकर 6000 रु. प्रति ट्राॅली बिना रॉयल्टी की बेची जा रही है। एक नाव से प्रतिदिन तीन से चार ट्रॉली तक रेत भी निकाली जा रही है। कई लोग संगठित तरीके से इसे इंदौर तक आपूर्ति कर रहे हैं। अवैध रेत खनन का मामला संज्ञान में नहीं है। नर्मदा के बीच धारा से रेत का खनन पूरी तरह से प्रतिबंधित है। इसकी संबंधित विभाग से जांच कराएंगे। अवैध रेत खनन करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

    Next Story