भूचाल! बिहार में आरजेडी और जेडीयू के बीच दरार? क्या कहा लालू यादव की बेटी ने
नई दिल्ली: बिहार की राजनीति में इन दिनों आरजेडी और जेडीयू की दोस्ती में दरार की अटकलें लगाई जा रही हैं। कल बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री 'जननायक' कर्पूरी ठाकुर की 100वीं जयंती के मौके पर नीतीश कुमार ने बिना किसी का नाम लिए राजनीति में परिवारवाद के खिलाफ खूब बोला। पटना के सियासी गलियारों में …
नई दिल्ली: बिहार की राजनीति में इन दिनों आरजेडी और जेडीयू की दोस्ती में दरार की अटकलें लगाई जा रही हैं। कल बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री 'जननायक' कर्पूरी ठाकुर की 100वीं जयंती के मौके पर नीतीश कुमार ने बिना किसी का नाम लिए राजनीति में परिवारवाद के खिलाफ खूब बोला। पटना के सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा है कि जेडीयू सुप्रीमो ने इशारों ही इशारों में आरजेडी पर निशाना साधा है।
आरजेडी-जेडीयू के बीच 'बिगड़ रहे' संबंधों को लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने और हवा दे दी है। उन्होंने आज सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स कर लिखा, "समाजवादी पुरोधा होने का करता वही दावा है, हवाओं की तरह बदलती जिनकी विचारधारा है।"
कर्पूरी ठाकुर की विरासत पर दावा करने वाला जदयू और उसके नेता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिए जाने के बाद भाजपा के प्रति कुछ नरम दिख रहे हैं। आने वाले समय में नए समीकरण भी सामने आ सकते हैं। नीतीश कुमार ने कल खुद को कर्पूरी ठाकुर का सच्चा आनुयायी बताया था। उन्होंने कहा कि था कि कर्पूरी ठाकुर ने जिस तरह परिवारवाद को बढ़ावा नहीं दिया, उन्होंने भी कभी इसे आगे नहीं बढ़ाया।
उन्होंने एक और ट्वीट किया है। इसमें उन्होंने लिखा, "खीज जताए क्या होगा, जब हुआ न कोई अपना योग्य। विधि का विधान कौन टाले, जब खुद की नीयत में ही हो खोट।"
कर्पूरी ठाकुर की जन्मशती के मौके पर आयोजित रैली में नीतीश कुमार ने उन्हें भारत रत्न दिए जाने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया। यही नहीं इस मौके पर नीतीश कुमार ने कर्पूरी का जिक्र करते हुए परिवारवाद की राजनीति पर भी तंज कसा। उन्होंने कहा कि आज कल लोग परिवार के लिए क्या-क्या करते हैं। लेकिन कर्पूरी ठाकुर जी ने अपने परिवार के लिए कुछ नहीं किया। वह जब चले गए, तब हम ही लोग रामनाथ ठाकुर जी को आगे बढ़ाए। आज कल वह राज्यसभा के सदस्य हैं। नीतीश कुमार ने किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन परिवार के लिए क्या-क्या करने वाली बात को लोग आरजेडी से जोड़कर देख रहे हैं।
नीतीश कुमार ने कहा कि कर्पूरी ठाकुर से ही सीखकर हमने भी अपने परिवार के किसी सदस्य को आगे नहीं बढ़ाया है। उन्होंने पिछड़ा और अति पिछड़ा वर्ग के लिए काम किया। मुख्यमंत्री नीतीश ने कहा कि कर्पूरी ठाकुर के प्रयासों से ही पहली बार 20 फीसदी आरक्षण बिहार में मिला था। 1978 में उनके प्रयासों से अति पिछड़ा को 12 पर्सेंट और पिछड़ा को 8 पर्सेंट कोटा मिला। अब तो हम कहते हैं कि पूरे देश में इस अति पिछड़ा और पिछड़ा के आधार पर आरक्षण मिला। नीतीश कुमार ने कहा कि देश में सिर्फ पिछड़ा ही नहीं है बल्कि अति पिछड़ा भी है। उनकी संख्या भी अधिक है और उन लोगों में गरीबी भी ज्यादा है।
समाजवादी पुरोधा होने का करता वही दावा है
हवाओं की तरह बदलती जिनकी
विचारधारा है..— Rohini Acharya (@RohiniAcharya2) January 25, 2024