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राकेश टिकैत की हुंकार, कहा- MSP पर कानून बिना आंदोलन खत्म करने का प्लान नहीं

jantaserishta.com
26 Nov 2021 10:35 AM GMT
राकेश टिकैत की हुंकार, कहा- MSP पर कानून बिना आंदोलन खत्म करने का प्लान नहीं
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नई दिल्ली: गाजीपुर बॉर्डर पर चल रहे किसान महापंचायत में राकेश टिकैत ने कहा कि, जब तक संसद का सत्र चलेगा तब तक सरकार के पास सोचने और समझने का समय है। आगे आंदोलन कैसे चलाना है उसका फैसला हम संसद चलने पर लेंगे। आंदोलन की रूपरेखा क्या होगी उसका फैसला भी 27 नवंबर को हाने वाली संयुक्त किसान मौर्चा की बैठक में होगा।

किसान आंदोलन का एक साल पूरा होने पर किसानों की महापंचायत शुरू हो गई है। इसका आगाज राष्ट्रगान के साथ हुआ। इस मौके पर राकेश टिकैत, योगेंद्र यादव व अन्य किसान नेता मौजूद हैं। वहीं इससे पहले किसानों को महापंचायत की व्यवस्था के बारे में गाजीपुर किसान आंदोलन कमेटी के प्रवक्ता जगतार सिंह बाजवा ने जानकारी दी।
किसान आंदोलन के एक साल पूरा होने पर सिंघु बॉर्डर पर भारी संख्या में किसान पहुंचे हैं। यहां आंदोलन की पहली सालगिरह मनाई जा रही है।
यूपी गेट स्थित किसान आंदोलन स्थल पर महापंचायत को लेकर पीएसी की 5 बटालियन, सिविल पुलिस के 250 कर्मी, एलआईयू, इंटेलिजेंस और महिला पुलिसकर्मी को तैनात किया गया है। एसपी सिटी सेकेंड ज्ञानेंद्र सिंह का कहना है कि किसान आंदोलन पर पूरी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। संदिग्धों पर नजर रखने के लिए पुलिसकर्मियों को सिविल ड्रेस में भी तैनात किया गया है।
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर दिल्ली पुलिस द्वारा बैरिकेडिंग को मजबूत किया गया है। वहीं, दिल्ली पुलिस द्वारा बैरिकेडिंग के पास चेतावनी के पोस्टर लगाए गए हैं, जिसमें इस पॉइंट पर धारा 144 लागू होने की बात कही गई है।
किसानों के संसद कूच के एलान को देखते हुए दिल्ली को शुक्रवार यानी आज से ही सील कर दिया गया है। सभी बॉर्डरों पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई दी गई है। बॉडर पर तैनात पुलिसकर्मियों को सख्त आदेश दिए गए हैं कि किसी को चेकिंग के बिना दिल्ली में न घुसने दिया जाए।
किसान आंदोलन के एक साल पूरा होने पर किसी भी तरह के अवांछित घटनाक्रम से बचने के लिए दिल्ली-गाजियाबाद बॉर्डर पर पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद कर दी है। रास्ता रोकने के लिए पुलिस ने बैरिकेडिंग के साथ ही क्रेन भी लगाई गई है। सिर्फ दिल्ली-गाजियाबाद बॉर्डर ही नहीं अन्य मार्गों पर भी बैरिकेडिंग होने के चलते कई जगहों पर लंबा जाम लगा है।
किसान आंदोलन का आज एक साल पूरा हो गया है। ऐसे में दिल्ली की उन तमाम सीमाओं पर जहां बीते 12 महीनों से किसान प्रदर्शन कर रहे हैं वहां पुलिस की तरफ से सख्ती बढ़ी है तो किसानों की भीड़ भी बढ़ गई है। आंदोलन के एक साल पूरा होने व पीएम की तरफ से तीनों कानूनों की वापसी की घोषणा के बाद एसकेएम ने किसानों से दिल्ली बॉर्डर्स पर पहुंचने और आंशिक जीत उत्सव मनाने का आह्वान किया था। इस अपील का वीरवार को अच्छा खासा असर देखने को मिला।
आलम यह था कि कुंडली-सिंघु बॉर्डर पर किसानों के पहुंचने का सिलसिला सुबह से शुरू होकर देर रात तक जारी रहा। हर एक घंटे में 15 ट्रैक्टर-ट्रॉलियां कुंडली बॉर्डर पर पहुंच रहे हैं। कानून वापस लिए जाने की घोषणा से किसान जोश में हैं, लेकिन एमएसपी समेत लंबित मांगों को भी नहीं भूले हैं। उनकी सरकार से उम्मीद भरी अपील है कि बाकी मांगों को जल्द ही पूरा किया जाए, ताकि वह घर लौट सकें।
किसान आंदोलन के शुक्रवार को एक वर्ष पूरा होने पर व किसान के 29 नवंबर को संसद कूच के ऐलान को देखते हुए दिल्ली के तीनों बॉर्डरों पर सुरक्षा बढ़ाई जा रही है। दिल्ली पुलिस के सीनियर अफसर एक्शन मोड में आ गए हैं और बैठकों का दौर शुरू हो गया है। दिल्ली पुलिस संसद कूच के ऐलान को देखते हुए टीकरी व गाजीपुर बॉर्डर पर फिर से लोहे की कीलें व बैरीकेड लगाकर सड़कों को बंद सकती है। सड़कों को बंद करने की तैयारी अभी से शुरू कर दी गई है। तीनों ही बॉर्डरों पर शुक्रवार से सुरक्षा सख्त हो जाएगी।
न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गारंटी कानून, गन्ना बकाया भुगतान, बिजली अमेंडमेंट बिल समेत तमाम मुद्दों पर यूपी गेट पर शुक्रवार को 11 बजे से किसानों की महापंचायत होगी। पश्चिमी यूपी, उत्तराखंड और पंजाब से बड़ी संख्या में किसानों के पहुंचने की संभावना है। इसको ध्यान में रखते हुए दिल्ली सीमा में दोबारा पुलिस ने सीमेंटेड और लोहे के बैरिकेड लगाए हैं और सुरक्षा बल की तैनाती की गई है।




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