भारत

बद्दी में रुकवाया रेल लाइन का काम

1 Jan 2024 7:13 AM GMT
बद्दी में रुकवाया रेल लाइन का काम
x

बीबीएन। औद्योगिक क्षेत्र बद्दी में रेल लाइन के लिए अधिग्रहित भूमि के उचित मुआवजे सहित अन्य मांगों की सुनवाई न होने पर भडक़े भूमि मालिकों ने रविवार को को रेल लाइन के निर्माण कार्य को रुकवा दिया। भू-मालिकों ने इस दौरान केंद्र और प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की और दो टूक शब्दों …

बीबीएन। औद्योगिक क्षेत्र बद्दी में रेल लाइन के लिए अधिग्रहित भूमि के उचित मुआवजे सहित अन्य मांगों की सुनवाई न होने पर भडक़े भूमि मालिकों ने रविवार को को रेल लाइन के निर्माण कार्य को रुकवा दिया। भू-मालिकों ने इस दौरान केंद्र और प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की और दो टूक शब्दों में कहा की वह अब आर-पार की लड़ाई के मूड में है। भू-मालिकों ने 24 घंटे का अल्टीमेटम देते हुए कहा कि अगर प्रदेश व केंद्र सरकार ने ग्रामीणों की मांग पर क ार्रवाई नहीं की तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा, जिसके तहत प्रस्तावित रेल ट्रैक पर धरना देकर विरोध जताया जाएगा। रोषजदा ग्रामीणों ने कहा की बार बार कोरे आश्वासन दिए जा रहे लेकिन अब यह सब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। भूमि मालिकों ने उचित मुआवजा राशि की अदायगी न होने, खेतों के लिए सिंचाई सुविधा बाधित होने सहित अन्य मुददों को लेकर आवाज बुलंद करते हुए काम रुकवा दिया।

बद्दी-चंडीगढ़ रेल लाइन की अधिग्रहित की जा चुकी भूमि पर सबंधित कंस्ट्रकशन कंपनी ने निर्माण कार्य शुरू कर रखा है, लेकिन अरसे से अधिग्रहित भूमि के उचित मुआवजे सहित अन्य मांगों को लेकर भू-मालिक आवाज बुलंद करते है। इसी कड़ी में रविवार को संड़ोली में रोषजदा ग्रामीणों और भू-मालिकों ने रेल लाइन के निर्माण का कार्य रुकवा दिया। रविवार को दर्जनों भू-मालिकों ने संडोली के समीप बन रहे रेलवे प्लेटफार्म पर एकत्रित हुए और अपनी मांगों को लेकर केंद्र और प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। ग्रामीण रामेश्वर दास, चरण दास, कालूराम, संजीव, लाभ सिंह और अन्य किसानों का कहना है कि केंद्र सरकार द्वारा रेलवे में ली गई उनकी जमीनों के एक समान रेट नहीं दिए जा रहे हैं। पिछले महीने किसानों और प्रशासन के बीच में बातचीत हुई थी और प्रशासन ने एक महीने का समय मांगा था पर एक महीना बीत जाने के बाद भी ना तो उनकी मांगों को माना गया और ना ही उनकी जमीनो के रेट अन्य जमीनों के हिसाब से बढ़ाए गए। उन्होंने कहा कि उन्हें सिर्फ सात लाख रुपए बीघा के हिसाब से पैसे मिले हैं।

    Next Story