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छात्रों को मातृभाषा में शिक्षा प्रदान करना

Sonam
31 July 2023 4:04 AM GMT
छात्रों को मातृभाषा में शिक्षा प्रदान करना
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राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तीन साल पूरे हो चुके हैं। तीसरी वर्षगांठ के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'शिक्षा महाकुंभ' का उद्घाटन किया। देश की राजधानी दिल्ली के प्रगति मैदान अखिल भारतीय शिक्षा समागम चल रहा है। इस मौके पर 30 जुलाई (रविवार) को केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि नई शिक्षा नीति में छात्रों को उनकी मातृभाषा में शिक्षा प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित किया गया

बड़ी संख्या में छात्र इस प्रदर्शनी ले रहे हैं में भाग : केंद्रीय मंत्री

एनईपी के तीन साल पूरे होने पर समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा, "देश के विभिन्न हिस्सों से बड़ी संख्या में छात्र इस प्रदर्शनी 'ज्ञान कुंभ' में भाग ले रहे हैं। एनईपी ने मातृभाषा में शिक्षा प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित किया है।"

उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति के तीन साल पूरे होने के उपलक्ष्य में 29 जुलाई (शनिवार) को पीएम मोदी की मौजूदगी में 'अखिल भारतीय शिक्षा समागम' का उद्घाटन किया गया, जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की तीसरी वर्षगांठ के अवसर पर हुआ।

प्रधानमंत्री ने बच्चों और युवाओं से भी बातचीत

NEP 2020 के उद्घाटन के बाद प्रधानमंत्री ने बच्चों और युवाओं से भी बातचीत की और बच्चों द्वारा प्रदर्शित परियोजनाओं को भी देखा। सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 21वीं सदी के भारत को नई दिशा देने वाली है और हम उस क्षण का हिस्सा बन रहे हैं, जो हमारे देश के भविष्य के निर्माण की नींव रख रहा है।

ये शिक्षा ही है जो देश का भाग्य बदलने की ताकत रखती : पीएम

29 जुलाई (शनिवार) को पीएम मोदी ने कहा, ''ये शिक्षा ही है जो देश का भाग्य बदलने की ताकत रखती है। देश जिस लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ रहा है, उसे हासिल करने में शिक्षा की अहम भूमिका है। आप इसके प्रतिनिधि हैं। मेरे लिए भी अखिल भारतीय शिक्षा समागम का हिस्सा बनने का महत्वपूर्ण अवसर।" पीएम ने कहा कि युवाओं को उनकी प्रतिभा के बजाय उनकी भाषा के आधार पर आंकना उनके साथ सबसे बड़ा अन्याय है।

पीएम श्री स्कूलों की मदद करें उच्च शिक्षण संस्थान : प्रधान

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने उच्च शिक्षण संस्थानों से कहा है कि वे पीएम श्री स्कूलों की मदद के लिए आगे आएं क्योंकि ये स्कूल नई शिक्षा नीति का आधार बनने वाले हैं। प्रधान ने कहा कि देश के हर ब्लाक में आदर्श रूप में उभरने जा रहे पीएम श्री स्कूलों को सफल बनाने के लिए उच्च शिक्षण संस्थानों को अपने सबसे अच्छे छात्र और प्रोफेसर भेजने होंगे। ये पीएम श्री स्कूल प्रधानमंत्री की प्राथमिकता वाले हैं। अगर आइआइटी सरीखे संस्थानों को अपने लिए आपूर्ति श्रृंखला की चिंता करनी है तो उन्हें इन स्कूलों का हाथ पकड़ना होगा।

प्रधान सम्मेलन को कौशल विकास के नजरिये से बताया अहम

प्रधान ने दो दिन के इस सम्मेलन को कौशल विकास के नजरिये से अहम बताते हुए कहा कि सरकार ने शिक्षा में कौशल विकास को जोड़ने के लिए तमाम पहल की हैं। इसके तहत आइटीआइ की शिक्षा को हिंदी और अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में कराने के लिए कार्य की शुरुआत की गई है। 39 ट्रेड की पढ़ाई के लिए 12 भाषाओं में 100 किताबें लांच की गई हैं।

प्रधान ने कहा कि मोदी सरकार ने किस तरह शिक्षा को अपनी शीर्ष प्राथमिकताओं में शामिल किया है, इसका प्रमाण है कि पिछले 10 वर्षों के प्रयासों के चलते शिक्षा पर जीडीपी का खर्च लगभग एक प्रतिशत बढ़ गया है। आज यह चार प्रतिशत से अधिक है, जो 2013 में बमुश्किल तीन प्रतिशत था।

106 एमओयू पर हस्ताक्षर

शिक्षा समागम में शिक्षा और कौशल विकास व उद्यमिता मंत्रालय ने तमाम प्रतिष्ठित संगठनों और संस्थानों के साथ कुल 106 एमओयू पर हस्ताक्षर किए। इनसे शोध, नवाचार और ज्ञान के आदान-प्रदान को बढ़ावा मिलेगा। स्कूली शिक्षा और साक्षरता के लिए सीबीएसई के तहत 15 एमओयू किए गए हैं।

एनईपी 2020 का दो दिवसीय कार्यक्रम

29-30 जुलाई को आयोजित होने वाला दो दिवसीय कार्यक्रम शिक्षाविदों, क्षेत्र विशेषज्ञों, नीति निर्माताओं, उद्योग प्रतिनिधियों, शिक्षकों और स्कूलों, उच्च शिक्षा और कौशल संस्थानों के छात्रों सहित अन्य लोगों को अपनी अंतर्दृष्टि, सफलता साझा करने के लिए एक मंच प्रदान किया गया है। एनईपी 2020 को लागू करने में कहानियां और सर्वोत्तम अभ्यास के साथ इसे और आगे ले जाने के लिए रणनीतियां तैयार करना।

अखिल भारतीय शिक्षा समागम में 16 सत्र शामिल हैं, जिसमें दूसरों के बीच में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और शासन तक पहुंच, न्यायसंगत और समावेशी शिक्षा, सामाजिक-आर्थिक रूप से वंचित समूहों के मुद्दे, राष्ट्रीय संस्थान रैंकिंग फ्रेमवर्क, भारतीय ज्ञान प्रणाली, शिक्षा का अंतर्राष्ट्रीयकरण सहित विषयों पर चर्चा की जा रही है।

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