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CTO चौक पर धरना-प्रदर्शन

Shantanu Roy
29 Sep 2024 11:48 AM GMT
CTO चौक पर धरना-प्रदर्शन
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Shimla. शिमला। राजधानी शिमला के उपनगर संजौली में मस्जिद में हुए अवैध निर्माण के बाद से में मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। आए दिनों कोई न कोई संगठन धरना-प्रदर्शन कर रहे। शनिवार को देवभूमि संघर्ष समिति द्वारा उपायुक्त कार्यालय नजदीक सीटीओ चौक में धरना-प्रदर्शन किया गया, जिसमें सैकड़ों लोगों ने इस धरना प्रदर्शन में शामिल हुए। इस प्रदर्शन में विभिन्न क्षेत्रों से देवभूमि संघर्ष समिति से जुड़े लोग और अन्य संगठनों के लोग भी विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए। प्रदर्शन में शामिल हुए लोगों ने विवादित अवैध निर्माण को गिराए जाने की मांग की। इसको लेकर धरना-प्रदर्शन कर सरकार पर दबाव बनाया जा रहा है, ताकि जल्द ही ऐसे अवैध निर्माण को लेकर कोई उचित कार्रवाई हो सके। देवभूमि संघर्ष समिति के द्वारा हिमाचल प्रदेश में सभी जिला कार्यालय के बाहर धरना-प्रदर्शन किया गया। इस प्रदर्शन में भारत सरकार से वक्फ बोर्ड को समाप्त करना, हिमाचल में बन रही अवैध मस्जिदों के निर्माण पर रोक लगाना आदि मांगें शामिल हैं। देवभूमि संघर्ष समिति ने वामदलों के शुक्रवार किए गए शांति व सद्भावना मार्च पर देवभूमि संघर्ष समिति ने सवाल उठाए है। धरना-प्रदर्शन शांतिपूर्वक
किया गया है।


समिति के द्वारा ज्ञापन सौंपने के बाद शेरे-ए-पंजाब तक जलूस निकाला गया हैं, जिसके चलते लोअर बाजार में काफी भीड़ एकत्रित हुई। इस मौके पर भारी संख्या पर पुलिस बल तैनात थी। देवभूमि संघर्ष समिति ने ये आरोप लगाए है कि पूरे प्लानिंग के साथ इस गंभीर मसले को राष्ट्रीय स्तर से दबाने के प्रयास किए जा रहे हैं। कुछ दिन पहले कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी शिमला में आती हैं और यहां रात को गुपचुप तरीके से बैठक करतीं हैं। इसके बाद पीछे से दिल्ली से एक आईएमआईएम नेता शोएब जमई सील बंद मस्जिद में मौलवी के साथ बैठकर कर अवैध ढांचे से वीडियो बनाकर इसे पूरे देश में वायरल करता है। भडक़ाऊ वीडियो जारी करने वाले के खिलाफ स्थानीय लोगों ने शिकायत की है, लेकिन कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई। इसके विपरीत जायज बात रखने वाले तीन स्थानीय युवकों पर वीडियो जारी करने को लेकर केस दर्ज किया गया। यह प्रशासन और सरकार का दोहरा चरित्र उजागर कर रहा है। देवभूमि संघर्ष समिति ने डीसी के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा है, जिनमें देवभूमि में वक्फ बोर्ड द्वारा अवैध मस्जिद बनाने और अवैध प्रवासियों, बांग्लादेशी घुसपैठियों और रोहिंग्या के खतरे से पैदा जनसांख्यिकी असंतुलन बारे से संबंधित चिंताओं का जिक्र किया। समिति ने राष्ट्रपति से वक्फ बोर्ड को भंग करने और अवैध गतिविधियों को नियंत्रित करने के लिए प्रदेश सरकार को ठोस नीति बनाने के दिशा-निर्देश देने की गुहार लगाई है।
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