शिमला। हिमाचल सरकार भारत सरकार के उपक्रम सतलुज जल विद्युत निगम पूर्व जयराम सरकार के समय आबंटित किए गए तीन बिजली प्रोजेक्ट टेकओवर करने की तैयारी कर रही है। तैयारी इतनी गंभीर है कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने एडवांस में राज्य सरकार के अधिकारियों का दल दिल्ली भेज दिया है और खुद बुधवार को दिल्ली …
शिमला। हिमाचल सरकार भारत सरकार के उपक्रम सतलुज जल विद्युत निगम पूर्व जयराम सरकार के समय आबंटित किए गए तीन बिजली प्रोजेक्ट टेकओवर करने की तैयारी कर रही है। तैयारी इतनी गंभीर है कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने एडवांस में राज्य सरकार के अधिकारियों का दल दिल्ली भेज दिया है और खुद बुधवार को दिल्ली जा रहे हैं। यह झगड़ा सुन्नी, लुहरी और धौलासिध प्रोजेक्टों को लेकर है। पूर्व जयराम सरकार के समय ग्लोबल इन्वेस्टर मीट के बाद ये प्रोजेक्ट एसजीवीएन को ऑफर किए गए थे। पूर्व सरकार ने जल विद्युत क्षेत्र के धीमेपन को देखते हुए कई तरह के ऑफर भी दिए थे। वर्तमान सरकार ने इसके विपरीत बिजली प्रोजेक्ट में अपनी रॉयल्टी को 12, 18 और 30 फीसदी से बढ़ाकर 20, 30 और 40 फीसदी कर दिया है, जबकि एसजेवीएन को दिए गए प्रोजेक्टों से पांच फीसदी रॉयल्टी भी नहीं आ रही थी। एसजेवीएन ने पूर्व सरकार के समय यह प्रोजेक्ट तो ले लिए, लेकिन आज तक इंप्लीमेंटेशन एग्रीमेंट साइन नहीं किया है। इसीलिए अब कंपनी को नई सरकार की नई शर्तों के अनुसार एग्रीमेंट करना पड़ेगा।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू बुधवार को दिल्ली जाते ही तीन बजे सरकार के अफसरों के साथ बैठक करनी है। इसके अगले दिन गुरुवार को केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह से बैठक है। मुख्यमंत्री केंद्र सरकार को भी साफ बताना चाह रहे हैं कि हिमाचल के हित पहले नंबर पर हैं और एसजीवीएन के इन प्रोजेक्ट को राज्य सरकार टेकओवर कर लेगी, यदि कंपनी नई शर्तों को नहीं मानेगी। एक और दिक्कत यह भी है कि इन सभी परियोजनाओं का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया है। इसलिए केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय के लिए भी यह मामला पेचीदा हो गया है। इस दौरे के दौरान मुख्यमंत्री शानन बिजली प्रोजेक्ट को लेकर भी केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय के साथ बात करेंगे। हाटी की नाहन रैली रद्द : मुख्यमंत्री का सिरमौर जिला का दौरा पेट्रोल-डीजल की कमी के कारण रद्द करना पड़ा। मुख्यमंत्री ने हाटी समुदाय को जनजातीय दर्जा देने की नोटिफिकेशन के बाद तीन जनवरी को नाहन जाकर खुद घोषणा करनी थी, लेकिन पेट्रोल पंप ड्राई होने के कारण कांग्रेस कार्यकर्ताओं को जुटाना एक मुश्किल काम था। दूसरी तरफ मुख्यमंत्री की दिल्ली की बैठक भी शाम तीन बजे है। इस कारण इस दौरे को रद्द करना पड़ा है।