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जंग-ए-पंजशीर में नॉर्दर्न एलाएंस रत्ती भर भी झुकने को तैयार नहीं है और पंजशीर फतह तालिबान के लिए नाक का सवाल बन गया है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आज भारत समेत पूरी दुनिया की नजरें अफगानिस्तान पर टिकी हुई हैं.जहां पर आज या कल तालिबान की सरकार बनने ही वाली है.लेकिन फिक्र ये है कि ये सरकार कब बनेगी और कैसी होगी? माना जा रहा था कि आज जुमे की नमाज़ के बाद वहां सरकार गठन का ऐलान हो सकता है. लेकिन देर शाम काबुल से बड़ी खबर आई कि तालिबानी सरकार का गठन कल हो जाएगा और ये जानकारी तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने दी है. इसके मुताबिक ये सरकार मुल्ला बरादर की अगुवाई में बनेगी. तालिबान के संस्थापक मुल्ला उमर का बेटा मुल्ला मोहम्मद याकूब और शेर मोहम्मद अब्बास स्टेनकजई भी तालिबान की इस सरकार में अहम पदों पर होंगे.
इस बीच काबुल में नई सरकार के बैनर, होर्डिंग्स भी दिखने लगे हैं. अफगानिस्तान के सूचना और संस्कृति मंत्रालय ने नए कैबिनेट के ऐलान से पहले काबुल की सड़कों पर कई होर्डिंग्स लगवाए गए हैं. दीवारों पर नारे लिखवाए हैं और चौक चौराहों पर तालिबानी झंडे फहराए हैं. अफगान की नई सरकार की होर्डिंग्स में लिखा है. राष्ट्र हमारा है और हम भी राष्ट्र हैं. दूसरे में लिखा है आजादी की मातृभूमि मुबारक इसके अलावा तालिबान सरकार के पोस्टर में ये भी लिखा है कि दुश्मन के प्रोपेगेंडा पर विश्वास न करें और इसी तरह की कई होर्डिंग्स काबुल की सड़कों पर दिख रहे हैं. इन तस्वीरों को अफगानिस्तान के सांस्कृतिक आयोग के अहमदुल्ला मुत्ताकी ने सोशल मीडिया पर ट्वीट किया है.
तालिबान ताज में पंजशीर का कांटा चुभता रहेगा
तालिबान के मुताबिक कल वहां उसकी सरकार बन जाएगी. लेकिन तालिबान को अपने ताज में पंजशीर का कांटा चुभता रहेगा. पंजशीर में तालिबान को कड़ी चुनौती मिल रही है. आपको एक रिपोर्ट दिखाते हैं.जिसे देखकर पता चलेगा- अहमद मसूद की सेना ने तालिबान की नाक में कैसे दम कर दिया है.ये पठानलैंड में तालिबान का दु:स्वप्न है. अफगानिस्तान में तालिबान को मिल रहा करारा जवाब है. 33 प्रांतो को जीतने के बाद चौतीसवें प्रांत से मिल रही बड़ी चुनौती है. पंजशीर में इंच-इंच की जंग में कौन भारी. तालिबान या नॉर्दर्न एलायंस कहना मुश्किल है.लेकिन विद्रोही नेता अहमद मसूद घुटने टेकने को तैयार नहीं है. जिसकी वजह से भड़के तालिबानी आतंकियों ने पंजशीर घाटी पर अब तक सबसे बड़ा हमला किया.
मुफ्त में मिले अमेरिकी हथियारों का मुंह भी पंजशीर की ओर मोड़ दिया. तालिबान ने दावा किया कि बीती रात उसके लड़ाकों ने पंजशीर घाटी को चारों ओर से घेर लिया..रातभर दोनों तरफ से भीषण बमबारी हुई. क्या पंजशीर पर तालिबान फतह का सपना पूरा होने वाला है?क्या पंजशीर के शेर तालिबान के सामने सरेंडर करने वाले हैं?पंजशीर की ओर से जो दावे किए जा रहे हैं उसके मुताबिक घाटी में घमासान जबर्दस्त है..और पंजशीर तालिबान से अभी काफी दूर है.पंजशीर के विद्रोहियों की ओर से जारी वीडियो में नजर आ रहा है कि रात भर अहमद मसूद के रेसिस्टेंस फोर्स के लड़ाके तालिबान पर रॉकेट बरसाते रहे.अफगान मीडिया के मुताबिक पिछले तीन दिनों में पंजशीर घाटी पर किए गए हमलों में तालिबान को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा है.
रेसिस्टेंस फोर्स के प्रवक्ता फहीम दश्ती ने दावा किया
बताया जा रहा है कि इस बमबारी में दोनों ही ओर के कई लोग हताहत हुए हैं.हालांकि रेसिस्टेंस फोर्स के प्रवक्ता फहीम दश्ती ने दावा किया कि नॉर्दन अलायंस ने तालिबान के 40 लड़ाकों को मार गिराया.खौफ के मारे तालिबान अपने लड़ाकों के शव भी छोड़कर भाग गए.नॉर्दर्न एलाएंस ने एक और वीडियो जारी किया जिसमें उसके लड़ाके टैंक के साथ दिख रहे हैं और दावा कर रहे हैं कि उन्होंने दुश्मनों को परास्त कर दिया है और जब कभी तालिबान इधर नजरें उठाएगा.उसे करारी शिकस्त दी जाएगी. ये तस्वीर भी अहमद मसूद की फोर्स ने ही जारी की है और लिखा है कि पंजशीर के जिस परयान जिले में तालिबान ने कब्जे का दावा किया.वहां रेसिस्टेंस फोर्स के लड़ाके बैठकर नाश्ता कर रहे हैं. मतलब जंग-ए-पंजशीर में नॉर्दर्न एलाएंस रत्ती भर भी झुकने को तैयार नहीं है और पंजशीर फतह तालिबान के लिए नाक का सवाल बन गया है.
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