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भारत और चीन के सैनिकों के बीच अरुणाचल प्रदेश के तवांग इलाके में झड़प का मामला सामने आया है। सूत्रों के मुताबिक, बीते 9 दिसंबर को भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़प हुई थी। इस झड़प में दोनों पक्षों के जवान मामूली रूप से घायल हुए हैं। सूत्रों ने यह भी बताया है कि तवांग के याग्त्से एरिया में चीनी सैनिक भारतीय सेना की चौकी को हटाना चाहते थे, लेकिन भारतीय सैनिकों ने करारा जवाब देते हुए उन्हें खदेड़ दिया। वहीं, चीन और भारत के सैनिकों के बीच हुई इस हालिया झड़प को मुद्दा बनाकर विपक्ष ने केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कांग्रेस और एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इस मामले में ना केवल तीखी प्रतिक्रिया दी है। वहीं यह भी सामने आया है कि कल यानी मंगलवार को विपक्ष इस मसले को संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान सदन में भी उठा सकता है।
क्या बोले असदुद्दीन ओवैसी
भारत-चीन के सैनिकों के बीच हुई हालिया झड़प को लेकर एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने तल्ख टिप्पणी की है। उन्होंने सरकार को घेरते हुए कहा कि "अरुणाचल प्रदेश से आ रही खबरें चिंताजनक हैं। भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच एक बड़ी झड़प हुई और सरकार ने देश को कई दिनों तक अंधेरे में रखा। जब संसद का सत्र चल रहा था तब इस बारे में क्यों नहीं बताया गया? घटना का ब्योरा अधूरा है।"
एक के बाद एक कई ट्वीट करते हुए ओवैसी ने सवाल किया कि झड़प की वजह क्या थी? गोलियां चली थीं या ये गलवान जैसा था? कितने सैनिक घायल हुए हैं, उनकी हालत क्या है? चीन को एक कड़ा संदेश भेजने के लिए संसद सैनिकों को अपना सार्वजनिक समर्थन क्यों नहीं दे सकती है।
अपने एक अन्य ट्वीट में उन्होंने पीएम मोदी पर भी निशाना साधा। उन्होंने लिखा कि 'सेना किसी भी वक्त चीन को मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम है। मोदी के नेतृत्व में कमजोर राजनीतिक नेतृत्व ही चीन के खिलाफ इस अपमान का कारण बना है। संसद में इस पर तत्काल चर्चा की जरूरत है। मैं कल इस मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव पेश करूंगा।'
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Rani Sahu
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