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ऊना अस्पताल में एक ही रेडियोलॉजिस्ट, मरीज हो रहे परेशान

Shantanu Roy
31 Aug 2024 11:47 AM GMT
ऊना अस्पताल में एक ही रेडियोलॉजिस्ट, मरीज हो रहे परेशान
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Una. ऊना। क्षेत्रीय अस्पताल ऊना में एक मात्र रेडियोलॉजिस्ट होने के कारण मरीजों को अल्ट्रासाउंड करवाने के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अल्ट्रासाउंड करवाने वाले सैकड़ों मरीजों के मुकाबले में अस्पताल में प्रतिदिन सिर्फ 20 अल्ट्रासाउंड होते हैं तो अन्य मरीजों को मजबूरन अल्ट्रासाउंड के लिए दो-दो व तीन-तीन सप्ताह का इंतजार करना पड़ रहा है। उसके बाद भी कई मरीजों की बारी नहीं आ रही है। कभी अल्ट्रासाउंड करने वाले एक मात्र रेडियोलॉजिस्ट छुट्टी पर चले जाते हैं तो कतार में लगे मरीजों की संख्या और बढ़ जाती है। इस मामले में जिला प्रशासन व प्रदेश सरकार की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है। अस्पताल में रेडियोलोजिस्ट का पद व अल्ट्रासाउंड की समस्या जहां मरीजों की परेशानी का कारण रहती है तो दूसरी तरफ यह राजनीति मुदद भी रहा है, जो भाजपा सरकार के समय काफी गर्माया रहा। तब कांग्रेस द्वारा भाजपा सरकार पर अस्पताल में अल्ट्रासाउंड के डॉक्टर न दे पाने के आरोप लगाती रही। परंतु प्रदेश में दो वर्ष पहले बनी सुखविंद्र सिंह सुक्खू की सरकार ने अस्पताल को एक रेडियोलॉजिस्ट तो दिया, लेकिन दिन में सिर्फ 20 अल्ट्रासाउंड होने के कारण मरीजों को कुछ ज्यादा
राहत नहीं मिल रही है।

इस एक मात्र रेडियोलॉजिस्ट के छुट्टी पर होने के कारण अस्पताल में अल्ट्रासाउंड सुविधा ठप हो जाती है। जिससे अस्पताल में प्रतिदिन होने वाले 20 अल्ट्रासाउंट की सुविधा भी बंद हो जाती है। उसके बाद पहले की भांति अस्पताल के बाहर स्थापित अल्ट्रासाउंड सेंटरों का रुख करना मरीजों की भी मजबूरी बन जाती है और मरीजों को निजी सेंटरों में जाकर महंगे रेटों पर अल्ट्रासाउंड करवाने पड़ रहे हैं। गौर हो कि चिकित्सकों द्वारा मरीजों को नार्मल व कलर डॉपलर अल्ट्रासाउंड करवाने को बोला जाता है। गर्भवति महिलाओं को नौ माह के दौरान तीन से चार अस्ट्रासाउंट करवाने को बोला जाता है। इसके अलावा पत्थरी, पित्ते, अपेंडिक्स व जूरोलॉजी से संबंधित रोगियों की जांच के लिए चिकित्सक अल्ट्रासाउंड के टेस्ट लिखते हैं। परंतु 700 से 900 ओपीडी वाले अस्पताल में सिर्फ एक रेडियोलॉजिस्ट के होने से लोगों को भारी रिक्तों का सामना करना पड़ रहा है। परंतु इस संबंध में प्रदेश सरकार व लोकल राजनीतिक लोग कोई भी सख्त कदम नहीं उठा रहे हैं। बता दें कि क्षेत्रीय अस्पताल ऊना में नि:शुल्क होने वाले अल्ट्रासाउंड के लिए मरीजों को बाहर हजारों रुपये लुटाने पड़ रहे हैं। गर्भवति महिलाओं के अल्ट्रासाउंड 1000 रुपये से 2000 रुपये में होते हैं। कई बार मरीजों को इससे ज्यादा मूल्य भी अल्ट्रासाउंड के लिए चुकाने पड़ते हैं। जिससे मरीजों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। गरीब वर्ग के लोगों के लिए निजी सेंटरों में अल्ट्रासाउंड करवाना संभव नहीं होता तो उन्हें सरकारी अस्पताल में अल्ट्रासाउंड करवाने के लिए लंबे समय तक इंतजार करना पड़ रहा है और अस्पताल के चक्कर काटने पड़ रहे है।
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