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मुख्यमंत्री योगी के निर्देश पर गर्भवती महिलाओं के इलाज को लेकर हर जिले में एक अस्पताल आवंटित

Apurva Srivastav
1 May 2021 3:27 PM GMT
मुख्यमंत्री योगी के निर्देश पर गर्भवती महिलाओं के इलाज को लेकर हर जिले में एक अस्पताल आवंटित
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यूपी सरकार ने राज्य के हर जिले में एक अस्पताल आरक्षित करने का फैसला किया है

कोरोना वायरस (Corona Virus) की दूसरी लहर की वजह से गर्भवती महिलाओं के इलाज को लेकर यूपी सरकार ने राज्य के हर जिले में एक अस्पताल आरक्षित करने का फैसला किया है. इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने 102 एंबुलेंस को भी उपलब्ध भी गर्भवती महिलाओं के लिए सुनिश्चित करने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं. मुख्यमंत्री के इस फैसले से राज्य में गर्भवती महिलाओं की इलाज को लेकर एक बड़ी चिंता दूर हुई है.

गौरलतब है कि कोरोना वायरस की वजह से इस समय उत्तर प्रदेश में जिला अस्पताल कोविड अस्पताल में बदल गए हैं. सरकार की तरफ से डॉक्टरों की ड्यूटी कोरोना मरीजों के इलाज में लगा दी है. ऐसे में अब अस्पतालों में दूसरी बीमारी से पीड़ित मरीजों का इलाज करने दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इसका संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री ने नान कोविड मरीजों का घर बैठे ही इलाज हो सके, इसके लिए ई संजीवनी ओपीडी ऐप के माध्यम से विशेषज्ञ चिकित्सकों से परामर्श लेने की सुविधा शुरू की.
बनाए जा रहे टेली मेडिसिन हब
इसके लिए मुख्यमंत्री योगी के निर्देश पर प्रदेश के पांच चिकित्सा विश्वविद्यालयों और 18 मंडल स्तरीय जिला चिकित्सालयों में टेली मेडिसिन हब स्थापित किए जा रहे हैं, जिसमें से 19 हब क्रियाशील हो चुके हैं. यहां केजीएमयू के विशेषज्ञ चिकित्सक सोमवार से शनिवार तक सुबह नौ से दोपहर दो बजे तक इस ऐप के जरिए मरीजों के इलाज के संबंध में परामर्श दे रहे हैं. केजीएमयू के मेडिसिन, रेस्पिरेटरी मेडिसिन, स्त्री एवं प्रसूति रोग, हृदय रोग, सर्जरी, मनोचिकित्सक, त्वचा रोग, हड्डी एवं जोड़ रोग, नेत्र रोग, कान नाक एवं गला रोग और दंत रोग सहित अन्य विशेषज्ञों के जरिए मरीजों को उनके इलाज के संबंध में परामर्श दिया जा रहा है.
102 एंबुलेंस भी करेगी मदद
इस व्यवस्था के तहत ही गर्भवती महिलाओं को भी परामर्श दिया जा रहा है. इसी क्रम में मुख्यमंत्री ने गर्भवती महिलाओं के इलाज और महिलाओं के प्रसव को लेकर हर जिले में एक अस्पताल आवंटित करने का फैसला लिया. ताकि गर्भवती महिलाओं को तनाव मुक्त किया जा सके. मुख्यमंत्री के इस फैसले के तहत अब हर जिले में इस व्यवस्था को सुनिश्चित किया गया है. इसके साथ ही गर्भवती महिला को किसी भी समय यदि इमरजेंसी चिकित्सा की जरूरत हो तो उसके लिए 102 एंबुलेंस को भी उनके पास पहुंचने की व्यवस्था कर दी गई है.
इसी क्रम में अब अब उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की तरफ से से भी गर्भवती महिलाओं का इलाज कराने के लिए पहल की गई है. आयोग ने गर्भवती महिलाओं को आपातकालीन चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिए एक वॉट्सऐप हेल्पलाइन नंबर शुरू किया है. इसके साथ ही टोल फ्री नंबर भी जारी किया गया है. इस हेल्पलाइन नंबर के जरिए गर्भवती महिलाओं की आपात स्थिति में चिकित्सा सहायता बहुत ही आसानी के साथ में प्राप्त कर सकती हैं. आयोग ने कहा है कि टोल फ्री नंबर 18001805220 पर से बात कर मदद ली जा सकती है.


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