भारत
राजधानी में शुरू हुई नई पजल पार्किंग, जानिए इसकी खासियत
jantaserishta.com
7 March 2021 3:17 AM GMT
x
DEMO PIC
नई पार्किंग में न तो प्रदूषण है और न ही ईंधन की खपत होगी.
दिल्ली के लाजपत नगर, सेंट्रल मार्केट, सरोजिनी नगर और भीड़ भरे अन्य बाजारों में सबसे बड़ी समस्या होती है पार्किंग की. लाजपत नगर इलाके के लोगों को होली से ठीक पहले एक बड़ी सौगात मिली है. यह सौगात है नई पार्किंग की. दक्षिणी नगर निगम के लाजपत नगर 3, फिरोज गांधी रोड में नई पजल पार्किंग शुरू हो गई है. इस स्वचालित पार्किंग की क्षमता 264 कार पार्क करने की है. नई पार्किंग में न तो प्रदूषण है और न ही ईंधन की खपत होगी.
पारंपरिक पार्किंग में कार ले जाने से प्रदूषण होता है और ईंधन भी लगता है. इसके अलावा पजल पार्किंग में कार पार्क करना पारंपरिक पार्किंग के मुकाबले आसान और सुविधाजनक होगा. यह पार्किंग वर्टिकल है और स्टील से बनी है. पजल पार्किंग पूरी तरह इस्पात से बना माड्युलर डिजाइन का चमकता ढांचा है. यह प्रदूषण रहित है. इसमें तेजी से कम समय में कार पार्क की जा सकेगी और वापस भी ली जा सकेगी. इस पार्किंग में पार्क करने के लिए कार लिफ्ट से ले जाई जाएगी. आग से सुरक्षा के भी व्यापक इंतजाम किए गए हैं.
महापौर अनामिका ने कहा कि ग्रीन पार्क में 136 कार की क्षमता वाली टावर कार पार्किंग, अधचीनी गांव में 56 कारों के लिए स्वचालित कार पार्किंग अगले महीने तक शुरू कर दी जाएगी. निजामुद्दीन बस्ती में 86 कारों के लिए स्वचालित कार पार्किंग का कार्य बहुत जल्द शुरू होने जा रहा है. इसके अतिरिक्त दक्षिणी निगम 399 कारों के लिए एम ब्लॉक मार्केट जीके 1 और 210 कारों के लिए एम ब्लॉक मार्केट जीके 2 में नई पार्किंग का निर्माण कराने जा रहा है.
वहीं इस संबंध में कमिश्नर ज्ञानेश भारती ने बताया की इस पजल पार्किंग का 978 वर्ग मीटर एरिया में 27.18 करोड़ रुपये की लागत से कराया गया है. इसमें 246 कार पार्क की जा सकती है. नई पार्किंग से कार निकालने का समय महज 150 सेकंड हैं जबकि पारंपरिक पार्किंग में 15 मिनट का समय लगता है।इस पार्किंग की प्रचालन, रखरखाव लागत केवल एक पायलट होने के कारण पारंपरिक पार्किंग से कम रहेगी. बता दें कि हाल ही में साउथ एमसीडी ने ग्रीन पार्क में दिल्ली की पहली स्वचालित टावर पार्किंग शुरू कर दी थी.
jantaserishta.com
Next Story