सोर्स न्यूज़ -आज तक
दिल्ली। भारत और चीन के बीच में रिश्ते तनाव भरे रहते हैं. गलवान घटना के बाद से कई मौकों पर बातचीत का दौर शुरू हुआ है, दावे भी हुए हैं कि स्थिति पहसे से बेहतर है, लेकिन सीमा पर चीन द्वारा लगातार बनाए जा रहे इंफ्रास्ट्रक्चर अलग ही कहानी बयां करते हैं. इसी वजह से भारत, चीन और उसकी नीयत पर भरोसा नहीं कर सकता है. ऐसे में उसकी हर गतिविधि पर पैनी नजर रखने के लिए एलएसी पर एडवांस ड्रोन तैनात करने की तैयारी है.
बताया जा रहा है कि पूर्वी लद्दाख में ये नए ड्रोन तैनात किए जाएंगे. इनकी खासियत ये रहती है कि दो दिन तक लगातार गतिविधियों पर निगरानी रख सकते हैं. बड़ी बात ये है कि इन ड्रोन से सिर्फ सीमित इलाकों को कवर नहीं किया जाता, बल्कि एक अकेला ड्रोन ही बड़े हिस्से को अपनी निगरानी में लाने का काम करता है. ऐसे में चीन की गतिविधियों पर आसानी से पैनी नजर रखी जा सकती है. जानकारी ये भी मिली है कि इस बार इन एडवांस ड्रोन को सिर्फ लद्दाख एरिया में नहीं तैनात किया जा रहा है, बल्कि ड्रोन के एक स्क्वार्डन को सिक्किम में भी तैनात किया जाएगा. चीन इस पूरे इलाके में ही साजिश के तहत कुछ ना कुछ गतिविधि करता रहता है.
अभी के लिए इन ड्रोन से स्ट्राइक तो नहीं किया जा सकता है, लेकिन इन्हें अपग्रेड करने का ऑप्शन है. यानी कि समय आने पर ये ड्रोन और ज्यादा ताकतवर बनाए जा सकते हैं. वैसे इस समय भारत एक और महत्वकांक्षी लक्ष्य की ओर अग्रसर है. इजराइल से भारत को जो हेरौन ड्रोन मिले हैं, उन्हें भी अपग्रेड करने की तैयारी है. ड्रोन से ऐसी मिसाइल दागने की कोशिश है जो लंबी दूरी तक जा सके. अब कब तक ये हकीकत में बदलेगा, अभी स्पष्ट नहीं.