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स्कूली बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य को लेकर नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशन रिसर्च ट्रेनिंग (NCERT) ने सभी स्कूलों को नए दिशा निर्देश जारी किे है। NCERT मानसिक स्वास्थ्य सलाहकार पैनल की स्थापना करेगा। जिसमें स्कूली बच्चों के अभिभावकों और शैक्षणिक सहायता को शामिल किया जाएगा। इसके अंतर्गत छात्रों की मानसिक भलाई सुनिश्चित की जाएगी। बताते चले, इससे पहले NCERT ने सर्वे किया।
जिसमें पाया गया कि परीक्षा को लेकर छात्रों में तनाव, चिंता और परीक्षा परिणाम को लेकर दबाव पाया गया। गाइडलाइन्स में कहा गया है, "स्कूलों को आम तौर पर ऐसे स्थान के रूप में देखा जाता है जहां शिक्षार्थियों के समुदायों को एक सुरक्षित और सुरक्षित वातावरण में विकसित होने की उम्मीद की जाती है। स्कूल प्रबंधन, प्रिंसिपल, शिक्षक, अन्य कर्मचारी, और छात्र सभी एक दिन का लगभग 1/3 और लगभग 220 दिन स्कूल में बिताते हैं। आवासीय स्कूलों में तो छात्रों का और भी अधिक समय बितता है। इसलिए, यह स्कूल की जिम्मेदारी है कि वह स्कूलों और छात्रावासों में सभी बच्चों की सुरक्षा, सुरक्षा, स्वास्थ्य और कल्याण सुनिश्चित करे।
जिसके बाद अब सभी स्कूल एक मानसिक स्वास्थ्य सलाहकार पैनल स्थापित करेगा। इस पैनल की अध्यक्षता स्कूल के प्रिंसिपल को करनी होगी। जिसके बाद ये पैनल बच्चों में परीक्षा के तनाव को कम करेगा और जागरुक करेगा। इसके अलावा यह पैनल बच्चों के मानसिक स्वास्थ की भी पहचान करेगा। NCRET ने पाया कि, स्कूलिंग के शुरूआती दौर में ही ज्यादातर मानसिक स्वास्थ के मामले सामने आते है।
जिसके बारे में बच्चों के अभिभावकों और शिक्षकों को पता होना चाहिए जिससे कि वे समय रहते बच्चों की समस्या का निवारण कर सकें। शिक्षकों को ये भी ध्यान देना चाहिए कि, बच्चों में शिक्षकों को लेकर लगाव और अलगाव है या नहीं। क्योंकि ये सभी चीजें बच्चों में स्कूल की शुरुआत से ही आ जाती है। ऐसे में परिवार वालों के साथ-साथ शिक्षकों को भी यह ध्यान रखना चाहिए कि बच्चों का मानसिक स्वास्थ सही है या नहीं।
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