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नई दिल्ली । देश की नरेंद्र मोदी सरकार कारोबारी सुगमता चाहती है। इसके लिए कारोबारी रास्ते की मुश्किलों को दूर कर रही है। इसके तहत विभिन्न मंत्रालयों के अंतर्गत आने वाले संबंधित प्रावधानों को युक्तिसंगत बनने में जुटी हुई है। अब मोदी सरकार ने छोटी-मोटी गड़बड़ियों को अपराध की श्रेणी से हटाने वाले विधेयक को मंजूरी दे दी है। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने इन गड़बड़ियों को अपराध के दायरे से बाहर रखने का प्रस्ताव रखा था।
सूत्रों ने बताया कि मंत्रिमंडल ने कारोबारी सुगमता एवं रहन-सहन आसान बनाने (प्रावधानों में संशोधन) विधेयक 2022 पर चर्चा के बाद इस मंजूरी दे दी है। इस विधेयक को संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र में पेश किया जा सकता है। विधेयक में 16 मंत्रालयों/विभागों से संबंधित 35 अधिनियमों के लगभग 110 प्रावधानों को युक्तिसंगत बनाने का प्रस्ताव रखा गया है।
सरकारी सूत्र ने बताया कि विधेयक का मकसद रिफार्म के एजेंडे को अगले स्तर पर ले जाना है। सरकार कंपनियों और नागरिकों के लिए अनुपालन से जुड़े बोझ को कम करने पर ध्यान दे रही है। इसके लिये सरलीकरण डिजिटलीकरण छोटी गड़बड़ियों को अपराध की श्रेणी से अलग करने और अनावश्यक कानूनों/नियमों को समाप्त करने की चार-सूत्री रणनीति पर काम हो रहा है। विभाग ने सभी संबद्ध पक्षों के साथ व्यापक परामर्श के बाद विधेयक को अंतिम रूप दिया है।
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