सोलन। सोलन व धर्मशाला नगर निगम में मेयर व डिप्टी मेयर का चुनाव लटकता नजर आ रहा है। विधायक को मिले वोट के अधिकार के खिलाफ माननीय उच्च न्यायालय में याचिका दायर हो गई है। सोलन नगर निगम में भाजपा पार्षद शैलेन्द्र गुप्ता ने सरकार के उस आदेश को माननीय उच्च न्यायालय में चुनौती दी है, जिसमें विधायक को मेयर व डिप्टी मेयर के चुनाव का अधिकार दिया गया है। उन्होंने अपनी याचिका में कहा है कि इस आदेश से मेयर व डिप्टी मेयर के चुनाव प्रभावित होंगे।
सरकार की ओर से डीसी मंडी को भेजे गए आदेश में पहले विधायक को वोट का अधिकार नहीं था। डीसी मंडी व डीसी सोलन ने 13 अक्तूबर को विधायक की वोट को लेकर क्लैरिफिकेशन मांगी थी जिसके जबाव ने 21 अक्तूबर ने डीसी मंडी को भेजे पत्र में स्पष्ट किया था कि नगर निगम के मेयर व डिप्टी मेयर के चुनाव में विधायक को वोट का अधिकार नहीं है लेकिन सरकार ने 23 नवम्बर को जारी आदेश में विधायक को वोट का अधिकार दे दिया।
सबसे बड़ी बात यह है कि 24 नवम्बर को पालमपुर व 25 नवम्बर को मंडी नगर निगम में मेयर व डिप्टी मेयर का चुनाव होना था। शैलेंद्र गुप्ता ने इन दो बिंदों को आधार बनाते हुए माननीय उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है। यहां पर विदित रहे कि धर्मशाला व सोलन नगर निगम में मेयर व डिप्टी मेयर के चुनाव की घोषणा नहीं हुई है। अब लग रहा था कि जल्द ही चुनाव की घोषणा होगी लेकिन यह मामला लटकता नजर आ रहा है।
भाजपा पार्षद शैलेन्द्र गुप्ता ने पुष्टि करते हुए बताया है कि विधायक को मिले वोट के अधिकार के खिलाफ माननीय उच्च न्यायालय में चुनौती दी है। उनका कहना है कि पहले विधायक को वोट का अधिकार नहीं था लेकिन 23 नवम्बर को सरकार ने अचानक अधिकार दे दिया। यह आदेश केवल चुनाव को प्रभावित करने के लिए दिए गए हैं।