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मौलाना महमूद असद मदनी ने RSS और BJP को लेकर कह दी इतनी बड़ी बात..

Teja
12 Feb 2023 10:38 AM GMT
मौलाना महमूद असद मदनी ने RSS और BJP को लेकर कह दी इतनी बड़ी बात..
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जमीयत उलेमा-ए-हिंद अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी ने कहा कि RSS और BJP से हमारी कोई मजहबी अदावत नहीं है। मदनी ने कहा कि हमारी नजर में हिंदु व मुसलमान बराबर हैं, हम इंसान के दरमियान कोई फर्क नहीं करते हैं। जमियत ए उलेमा की पॉलिसी रही है कि भारत के तमाम शहरी बराबर हैं, इनके बीच भेदभाव नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम RSS और उसके सर संघचालक को न्योता देते हैं, आइए आपसी भेदभाद व दुश्मनी को भूलकर एक दूसरे को गले लगाए और देश को दुनिया का सबसे शक्तिशाली मुल्क बनाए। हमें सनातन धर्म के फरोग (रोशनी) से कोई शिकायत नहीं है, आपको भी इस्लाम के फरोग से कोई शिकायत नहीं होनी चाहिए।

आपको बता दें कि दिल्ली के रामलीला मैदान में जमीयत उलेमा-ए-हिंद के 34वें सत्र का आगाज हुआ। इस दौरान जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि समान नागरिक संहिता केवल मुसलमानों का मुद्दा नहीं है, बल्कि यह देश के विभिन्न सामाजिक समूहों, समुदायों, जातियों और सभी वर्गों से संबंधित है। मदनी ने कहा कि हमारा देश विविधता में एकता और सच्चा बहुलतावादी का सबसे अच्छा उदाहरण है, लेकिन हमारे बहुलवाद को अनदेखा करते हुए, जो भी कानून पारित होंगे, उनका देश की एकता, विविधता और अखंडता पर सीधा प्रभाव पड़ेगा।

अधिवेशन में कहा गया कि जमीयत उलमा-ए-हिंद की यह बैठक भारत सरकार को चेतावनी देती है कि समान नागरिक संहिता के लागू होने से देश की एकता और अखंडता पर सीधा असर पड़ेगा। यह वोट बैंक की राजनीति कर अस्थिरता और आपसी अविश्वास को आमंत्रित कर रही है। सरकार को देश के सभी वर्गों की राय का सम्मान करना चाहिए और किसी एक वर्ग को खुश करने के बजाय संवैधानिक अधिकारों से छेड़छाड़ करने से बचना चाहिए। जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अधिवेशन में शामिल होने वाले मौलवियों ने इस्लामोफोबिया, समान नागरिक संहिता, पर्सनल लॉ में हस्तक्षेप के खिलाफ, पिछड़े वर्ग के मुसलमानों के लिए आरक्षण, मदरसों के सर्वेक्षण, इस्लाम के खिलाफ गलत सूचना और कश्मीर मुद्दे पर प्रस्ताव पारित किया।



सोर्स :- डेली न्यूज़

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