लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला (Om Birla) ने विधानसभाओं के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि यह लोकतंत्र के मंदिर हैं, लेकिन योजनाबद्ध तरीके से किए जाने वाले हंगामों से सदन की गरिमा कम हो रही है।
सदन की कार्यवाही में निरंतर व्यवधानों पर चिंता जताते हुए उन्होंने कहा कि विधानसभा और लोकसभा में कोई व्यवधान नहीं होना चाहिए।
क्या कुछ बोले ओम बिरला?
रविवार को असम विधानसभा के नए भवन का उद्घाटन करते हुए बिरला ने कहा,
विधानसभाओं और लोकसभा में चर्चाएं और संवाद होना चाहिए। यहां विधेयकों को पारित किया जाना चाहिए। जनता के हित में बेहतर नतीजों के लिए विधेयकों समेत गंभीर बहस और चर्चा करनी चाहिए। लोगों को विधानसभा और लोकसभा से बहुत उम्मीदें हैं। जब वह आपका चुनाव करते हैं तो उन्हें आपसे बहुत सारी उम्मीदें और अपेक्षाएं होती हैं।
उन्होंने खुले विचार-विमर्श, चर्चाओं और संवाद के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि इन सम्मानित संस्थाओं को राष्ट्र के मुद्दों को प्रभावशाली तरीके से रखना चाहिए। हरेक गंभीर मुद्दे पर चर्चा होनी चाहिए। विभिन्न मुद्दों पर सहमति और असहमति भारतीय लोकतंत्र की खूबसूरती है।
अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है विधानसभा का नया भवन
लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने कहा कि असम विधानसभा का नया भवन न केवल आत्मनिर्भर भारत का, बल्कि नए आत्मनिर्भर असम का भी प्रतीक है। नवीनतम प्रौद्योगिकी के उपयोग से आधुनिक आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए बनाया गया नया भवन नवीनतम सुविधाओं से सुसज्जित है और इसमें अत्याधुनिक सुविधाएं हैं, लेकिन इसके साथ ही असम की समृद्ध विरासत और संस्कृति को दर्शाने वाले विविध पहलुओं को भी इसमें शामिल किया गया है।
इस अवसर पर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने भी सभा को संबोधित किया।