भारत

विधि आयोग ने राय मांगी

Sonam
12 July 2023 4:46 AM GMT
विधि आयोग ने राय मांगी
x

लॉ कमीशन ने समान नागरिक संहिता (UCC) पर राष्ट्र के सभी लोगों से अपने विचार मांगे है। इसके बाद से इस वर्ष के अंत तक राष्ट्र में UCC लागू होने की सरगर्मी जोर पकड़ रही है। पीएम नरेंद्र मोदी ने भी एक चुनावी भाषण में यूसीसी की आवश्यकता पर जोर दिया था। गवर्नमेंट की इस पहल के विरूद्ध मुसलमान संगठन एकजुट होकर इसके विरोध में उतरने लगे हैं। AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी भी UCC के विरूद्ध जमकर आग उगल रहे हैं।

‘UCC इनका पुराना एजेंडा’

ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने मंगलवार को कहा, UCC इनका पुराना एजेंडा रहा है। तारीख में हमें मिलता है कि 1931 में गांधी जी ने बोला था कि हिंदुस्तान के मुसलमानों की शरीयत में दखल नहीं देंगे। लेकिन यहां पर बार बार बोला जाता है कि राष्ट्र में एक समान कानून होना चाहिए। हमारे वजीरे आजम (नरेंद्र मोदी) ने भी बोला कि एक घर में दो कानून कैसे रह सकते हैं। लेकिन उन्हें शायद मालूम नहीं कि NE में एक ऐसा राज्य है, जहां पर CRPC लागू नहीं होता है।

AIMIM के अध्यक्ष ने आगे कहा, ‘हमारे वतन में ये भी कानून है कि औरंगाबाद से जाकर कोई आदमी हिमाचल में AGRI LAND नहीं ले सकता है।

अब राष्ट्र के पीएम जानते हैं या नहीं जानते हैं लेकिन ये उपस्थित है। नागालैंड और मिजोरम को हमने धारा- 371 के अनुसार संरक्षित कर दिया है यानी कि उसे स्वशासन का अधिकार दे दिया है।’

‘कुरान के अनुसार जीवन का अधिकार’

शरिया कानून की वकालत करते हुए ओवैसी (Asaduddin Owaisi) बोले, ‘ये जो SHARIA ACT है। ये आपको इजाजत देता है कि आप अपनी जीवन कुरान के अनुसार गुजारें। जब संविधान बन रहा था तो इस एक्ट को नहीं हटाया गया। जो बात अंबेडकर और कानून बनाने वालों ने नहीं सोची, वो अब भाजपा सोच रही है। गवर्नमेंट को पता होना चाहिए कि इंग्लैंड में दो CRIMINAL LAW हैं। पड़ोस में श्रीलंका है, वहां पर PERSONAL LAW है। ISRALE, SINGAPORE में भी पर्सनल लॉ है।’

‘शरीयत पर कोई समझौता नहीं’

ओवैसी ने गवर्नमेंट के चेताया कि शरीयत जीवन जीने का एक रास्ता है। उस पर कोई COMPROMISE नहीं किया जा सकता है। यदि आपका CUSTOM है तो मेरा भी CUSTOM है। यदि RSS समझ रही है कि मुल्ला जी को निशाना बनाएंगे तो वह गलतफहमी में है। इन्हें बिलकिस बानो का जुल्म याद नहीं आया। बच्चियों का हिजाब खींचा जाता है, वो याद नहीं आया। अब बात करते हैं कि मुसलमान बच्चियों को उनका अधिकार दिलवाएंगे।

अखाड़ा परिषद ने UCC का किया समर्थन

AIMIM के राग के उलट साधु-संतों की सर्वोच्च संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (All India Akhara Parishad on UCC) यूनिफॉर्म सिविल कोड के समर्थन में खुलकर सामने आ गई है। अखाड़ा परिषद के महामंत्री हरी गिरी महराज ने यूनिफॉर्म सिविल कोड का विरोध करने वाले राजनैतिक दल और मुसलमान संगठनों को भी आड़े हाथों लिया है।

‘सभी धर्म और पंथ के लोग करें समर्थन’

उन्होंने बोला कि यह कानून राष्ट्र भलाई में है, इसलिए सभी धर्म और पंथ को इसका समर्थन करना चाहिए। महंत हरी गिरी ने विरोध करने वालों से इसका शोध करने की अपील की है। वहीं निरंजनी अखाडा के आचार्य महामडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद ने बोला कि उत्तराखंड में यूसीसी लागू होने से पूरे राष्ट्र में अलख जगेगी और देशभर में यह कानून लागू होगा।

Sonam

Sonam

    Next Story