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विधानसभा चुनाव में कांग्रेस में तालमेल का आभाव, असम में वादा तो पश्चिम बंगाल में मुफ्त से परहेज

Apurva Srivastav
23 March 2021 5:48 PM GMT
विधानसभा चुनाव में कांग्रेस में तालमेल का आभाव, असम में वादा तो पश्चिम बंगाल में मुफ्त से परहेज
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पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस में तालमेल का आभाव है। चुनाव प्रचार के दौरान पार्टी एक राज्य में एक वादा कर रही है, तो दूसरे राज्य में इस तरह के वादों को गलत करार दे रही है। पार्टी का कहना है कि वह मुफ्त की राजनीति में विश्वास नहीं करती है। जबकि असम विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने मतदाताओं से कई 'मुफ्त' वादे किए हैं।

पश्चिम बंगाल और असम दोनों राज्यों में एक साथ चुनाव हैं। असम में तीन चरणों में चुनाव होने है, वहीं पश्चिम बंगाल में आठ चरण में वोट डाले जाएंगे। कांग्रेस को असम में वापसी की उम्मीद है। इसलिए, पार्टी चुनाव प्रचार में पूरी ताकत लगा रही है। पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा कई जनसभाएं कर चुके हैं।
असम में कांग्रेस पांच गारंटी को आधार बनाकर चुनाव लड़ रही है। इनमें नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लागू नहीं करने के साथ हर परिवार को दो सौ यूनिट बिजली मुफ्त देने और महिलाओं को हर माह दो हजार रुपये देने जैसी गारंटी शामिल हैं। पर पश्चिम बंगाल में पार्टी का रुख बिल्कुल अलग है। पार्टी मुफ्त में देने को गलत मानती है।
पश्चिम बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने 'बंगलार दिशा' नाम से चुनावी घोषणा पत्र जारी किया है। घोषणा पत्र में कहा गया है कि पार्टी मुफ्त की राजनीति में विश्वास नहीं करती है। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि बंगाल के घोषणा पत्र में मुफ्त की राजनीति तृणमूण कांग्रेस और भाजपा के चुनावी वादों के लिए इस्तेमाल किया गया है।
दरअसल, तृणमूल कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में निम्न आय वर्ग और एससी/एसटी परिवारों को न्यूनतम मासिक आय देने का वादा किया है। घोषणा पत्र के मुताबिक निम्न आय वर्ग को हर वर्ष छह हजार रुपये और गरीब एससी/एसटी परिवारों को हर वर्ष 12 हजार रुपये दिए जाएंगे। यह राशि परिवार की महिलाओं के खातों में जमा की जाएगी।


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