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मेरिट लिस्ट में आए बिना पश्चिम बंगाल सरकार में मिली नौकरी जाने डिटेल

Teja
2 March 2022 9:28 AM GMT
मेरिट लिस्ट में आए बिना पश्चिम बंगाल सरकार में मिली नौकरी जाने डिटेल
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पश्चिम बंगाल के स्कूल सर्विस कमीशन (School Service Commission West Bengal) में नियुक्ति में धांधली का एक मामला सामने आया है

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | पश्चिम बंगाल के स्कूल सर्विस कमीशन (School Service Commission West Bengal) में नियुक्ति में धांधली का एक मामला सामने आया है. यहां दो उम्मीदवारों को मेरिट लिस्ट में नाम ना होने के बावजूद भी नौकरी मिलने की घटना सामने आई है. यह मामला पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग की नियुक्ति प्रक्रिया में भ्रष्टाचार के ताजा आरोपों का हिस्सा है. इस मामले में सीबीआई जांच के आदेश दिए गए हैं. CBI को भी 28 मार्च तक प्रारंभिक रिपोर्ट देने को कहा गया है. बता दें कि, डब्ल्यूबी स्कूल सेवा आयोग में ग्रुप डी स्तर की नौकरियों में नियुक्ति के लिए 2016 की अधिसूचना के खिलाफ नियुक्ति की गई थी. कलकत्ता उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सहायक की कथित अवैध नियुक्ति की जांच करने का निर्देश दिया है.

कथित तौर पर, जुई दास और आजाद अली मिर्जा के नाम पैनल में नहीं थे, लेकिन उन्हें नियुक्त किया गया था. इस मामले पर एक रिपोर्ट अदालत की ओर से आयोग को तलब की गई थी. रिपोर्ट से यह भी पता चलता है कि दोनों के नाम पैनल में नहीं हैं. एकल बेंच ने निर्देश दिया कि सीबीआई इस भ्रष्टाचार के दोषियों का पता लगाएगी, साथ ही शिकायतकर्ताओं से बात करेगी और इसके पीछे के वास्तविक कारणों का पता लगाएगी.
क्या है मामला?
साल 2016 में नौवीं और दसवीं कक्षा के शिक्षकों की नियुक्ति में गड़बड़ी के आरोप लगाये गये थे. जब मामला पहली बार कोर्ट में आया तो शुरू में एसएलएसटी से रिपोर्ट मांगी गई थी. न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय ने कहा क एसएससी अध्यक्ष द्वारा 4 जनवरी को सौंपी गई रिपोर्ट में दो आरोपियों के नाम सूची में शामिल नहीं थे.
यह पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग की नियुक्ति प्रक्रिया में भ्रष्टाचार का है. डब्ल्यूबी स्कूल सेवा आयोग में समूह डी स्तर की नौकरियों में नियुक्ति के लिए 2016 की अधिसूचना के खिलाफ नियुक्ति की गई थी. कलकत्ता उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सहायक की कथित अवैध नियुक्ति की जांच करने का निर्देश दिया है.
भ्रष्टाचार का आरोप
याचिकाकर्ताओं के वकील ने कहा कि उच्च न्यायालय ने प्रारंभिक जांच के बाद नियुक्ति में भ्रष्टाचार की पुष्टि है. कोर्ट ने लंबे समय से चल रहे आरोपों को बरकरार रखा है. कथित तौर पर भर्ती के पीछे पैसों का खेल चल रहा है. असफल उम्मीदवारों को भी केवल पैसे के लिए नौकरी दी गई है. जिनका नाम सूची में नहीं है या जिनका नाम सबसे नीचे है, उन्हें भी नौकरी मिल गई है.


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