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केरल: देश के कई हिस्सों में रामनवमी जुलूसों पर हमलों के बाद सांप्रदायिकता व कट्टरता को लेकर नए सिरे से बहस छिड़ गई है। इस बीच केरल के मंत्री एमवी गोविंदन का अहम बयान आया है। उन्होंने कहा कि बहुसंख्यकों की कट्टरता अल्पसंख्यकों की कट्टरता से ज्यादा खतरनाक है। उन्होंने यह भी कहा कि अल्पसंख्यकों से नफरत हिंदू राष्ट्र की स्थापना के प्रयासों का हिस्सा है।
गोविंदन के बयान से कट्टरपंथ को लेकर माकपा के रुख को लेकर नए सिरे से बहस छिड़ सकती है। वह माकपा की केंद्रीय समिति के सदस्य भी हैं। पिछले सप्ताह पलक्कड में आरएसएस व पीएफआई के दो नेताओं की हत्या को लेकर गोविंदन ने कहा कि बहुसंख्यकों के कट्टरपंथ और अल्पसंख्यकों के कट्टरपंथ को एक समान नहीं माना जा सकता। बहुसंख्यकों की कट्टरता ज्यादा खतरनाक है। गोविंदन ने आगे कहा कि बहुसंख्यक वर्ग की कट्टरता हिंदू राष्ट्र के गठन की दिशा में आगे बढ़ रही है। अल्पसंख्यकों से बढ़ती नफरत भी हिंदू राष्ट्र की योजना का हिस्सा है।
उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक कट्टरवाद बहुसंख्यक कट्टरवाद का विरोध करने के लिए उभरता है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि बहुसंख्यक कट्टरवाद के कारण ही अल्पसंख्यक कट्टरवाद पनपता है।
अशांति फैलाने के इरादे से हत्या
मंत्री ने कहा कि पिछले हफ्ते पीएफआई के एक स्थानीय नेता और एक आरएसएस प्रचारक की हत्याओं का उद्देश्य सांप्रदायिक अशांति पैदा करना था। इन घटनाओं के पीछे एक सांप्रदायिक एजेंडा है। दोनों संगठन इस तरह की हिंसा में शामिल होकर ताकत जुटाना चाहते हैं। पुलिस इसे रोक नहीं सकती है
यह रुख केरल को कश्मीर में बदल देगा : भाजपा
कट्टरवाद पर गोविंदन के बयान का विरोध करते हुए केरल भाजपा के अध्यक्ष के सुरेंद्रन ने कहा कि अल्पसंख्यक कट्टरवाद पर सीपीएम का रुख केरल को कश्मीर में बदल देगा। मंत्री की टिप्पणी पीएफआई के लिए खुले समर्थन का संकेत देती है। जब पीएफआई देश में शांतिपूर्ण जीवन के लिए खतरा बन गया है, तो अल्पसंख्यक कट्टरवाद के लिए सीपीएम का मौन समर्थन चिंता का विषय है। सीपीएम का सांप्रदायिक ताकतों से गठजोड़ है। यह पीएफआई का सफाया कर रहा है, जो अंतरराष्ट्रीय धार्मिक आतंकवाद की एक भारतीय एजेंसी है।
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