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नई दिल्ली | राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के वरिष्ठ नेता तथा शरद पवार के करीबी जयंत पाटिल ने रविवार को इन खबरों को खारिज कर दिया कि उन्होंने पुणे में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से “गुपचुप” मुलाकात की थी। उन्होंने इन अटकलों का भी खंडन किया कि वह शिवसेना-भाजपा सरकार में अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट में शामिल होने वाले हैं। पाटिल ने कहा कि वह शनिवार शाम को एनसीपी प्रमुख शरद पवार के साथ थे और बाद में उन्होंने अपने आवास पर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं अनिल देशमुख, राजेश टोपे और सुनील भुसारा से मुलाकात की थी।
एनसीपी की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख पाटिल ने कहा, "वे रात डेढ़ बजे तक मेरे घर पर थे। मैं आज सुबह फिर शरद पवार से मिला। जिन लोगों ने ये अफवाहें फैलाईं, उन्हें जवाब देना चाहिए कि मैं किस समय पुणे में शाह से मिला और सबूत दिखाएं। मैं हमेशा शरद पवार के साथ हूं। ऐसी अटकलें बंद होनी चाहिए।" अमित शाह ने रविवार को पुणे में ‘सेंट्रल रजिस्ट्रार ऑफ कोऑपरेटिव सोसाइटीज (सीआरसीएस)' कार्यालय का डिजिटल पोर्टल शुरू किया।
पाटिल ने कहा कि उन पर पाला बदलने का कोई दबाव नहीं है और उन्होंने किसी से कोई बातचीत नहीं की है। एनसीपी के वरिष्ठ नेता ने कहा, "मैंने मुंबई में विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया' की बैठक के आयोजन के लिए (शनिवार को) एमवीए की बैठक में भाग लिया। मैं आयोजन समिति का हिस्सा हूं, इसलिए यह स्पष्ट है कि ऐसी अटकलें क्यों लगाई जा रही हैं।" पाटिल ने यह भी कहा कि उनका एकमात्र लक्ष्य एनसीपी का आधार बढ़ाना है।
गौरतलब है कि अजित पवार और एनसीपी के आठ विधायक पिछले महीने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली राज्य सरकार में शामिल हुए थे। अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री और आठ विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली थी। इसके बाद से महाराष्ट्र के राजनीतिक गलियारों में शरद पवार खेमे के विधायकों में बेचैनी बढ़ने की अटकलें तेज हो गई हैं। इस बीच, एनसीपी विधायक जितेंद्र आव्हाड ने भी जयंत पाटिल की शाह से मुलाकात की खबरों को गलत बताया। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ''मैं अपनी आखिरी सांस तक शरद पवार के साथ रहूंगा।''
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