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Jaipur : मुख्यमंत्री का भीलवाड़ा दौरा- आमजन एवं सरकार के सम्मिलित प्रयासों से ही पर्यावरण संरक्षण

14 Jan 2024 8:50 AM GMT
Jaipur : मुख्यमंत्री का भीलवाड़ा दौरा- आमजन एवं सरकार के सम्मिलित प्रयासों से ही पर्यावरण संरक्षण
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जयपुर । मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने वृक्षों को बचाने के लिए अपना जीवन बलिदान करने वाली अमृता देवी को नमन करतेे हुए कहा कि खेजड़ली गांव में अमृता देवी विश्नोई सहित 363 लोगों द्वारा वृक्षों को बचाने के लिए दी गई प्राणों की आहूति पर्यावरण संरक्षण का सबसे बड़ा उदाहरण है। प्रकृति प्रेम की इससे …

जयपुर । मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने वृक्षों को बचाने के लिए अपना जीवन बलिदान करने वाली अमृता देवी को नमन करतेे हुए कहा कि खेजड़ली गांव में अमृता देवी विश्नोई सहित 363 लोगों द्वारा वृक्षों को बचाने के लिए दी गई प्राणों की आहूति पर्यावरण संरक्षण का सबसे बड़ा उदाहरण है। प्रकृति प्रेम की इससे अनूठी मिसाल संसार में कहीं नहीं मिलती है। हम सब के लिए यह गर्व का विषय है कि वे राजस्थान की धरती से थीं।

मुख्यमंत्री रविवार को भीलवाड़ा में हरित संगम पर्यावरण मेले में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि अमृतादेवी पर्यावरण नागरिक संस्थान लाखों पौधें लगाकर पर्यावरण संरक्षण के लिए निरंतर काम कर रहा है। पर्यावरण संरक्षण की महत्ती आवश्यकता को देखते हुए हरित संगम जैसे आयोजन बहुत जरूरी हैं। ऐसे संगमों से पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलती है। वृक्षों के महत्व को समझते हुए हमें ज्यादा से ज्यादा पौधें लगाने चाहिए।

हमारी प्रकृति ही हमारी संस्कृति

श्री शर्मा ने कहा कि हमारी प्रकृति ही हमारी संस्कृति है। हम वृक्षों, नदियों, पहाड़ों की पूजा करते हैं। वैदिक काल से ही हमारे यहां पर्यावरण और खास तौर पर वृक्षों के संरक्षण को विशेष महत्व दिया गया है। ऋषि मुनियों ने वृक्षों के नीचे बैठकर ही चिंतन मनन किया। वनों में बनें गुरूकुलों ने देश को महान शासक, राजगुरू, सेनापति और विद्वान दिए। उन्होंने कहा कि वृक्षों का संरक्षण और संवर्द्धन परोपकार का कार्य है। वनांे में हजारों प्रजातियों के जीव-जन्तु प्रकृति प्रदत्त व्यवस्था के अनुसार जीवन-यापन करते हैं। इससे हमें प्रकृति और प्राणियों के बीच संतुलन का महत्व पता चलता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में प्राकृतिक संसाधन सीमित हैं। जलवायु परिवर्तन के दुष्परिणामों से हम प्रभावित हैं। राज्य सरकार पर्यावरण संरक्षण हेतु प्रतिबद्ध है और इस दिशा में सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। हमारे और आपके सम्मिलित प्रयासों से ही स्थिति में आमूल-चूल परिवर्तन हो सकता है।

पर्यावरण संरक्षण भावी पीढ़ियों के लिए हमारा दायित्व

मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण भावी पीढ़ियों के लिए हमारा दायित्व भी है। कुछ आसान से कदम उठाकर हम पर्यावरण को संरक्षित कर सकते हैं। हमें घर में तथा आस-पास अधिक से अधिक पौधें लगाकर अन्य लोगों को भी इस दिशा में प्रेरित करना चाहिए। वृक्ष संरक्षण, सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग बंद करने, पानी की बर्बादी रोकने और बच्चों को पर्यावरण के बारे में जागरूक करने जैसे कदमों से भावी पीढ़ी को हम एक सुरक्षित एवं सुनहरा कल दे सकते हैं। मैं आशान्वित हूं कि हरित संगम 2024 का संदेश जन-जन तक पहुंचेगा और लोगों में पर्यावरण संरक्षण को लेकर जागृति पैदा होगी।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने उपस्थित जनसमूह को मकर संक्रांति पर्व की शुभकामनाएं दी। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण पर आधारित चित्र प्रदर्शनी ‘भीलवाड़ा फ्लॉवर शो’ का अवलोकन भी किया। साथ ही, मेले में लगी स्टॉल्स का अवलोकन किया। इस दौरान श्री शर्मा ने पर्यावरण संगोष्ठी में भी भाग लिया। उन्होंने वीर बाल पुरस्कार भी प्रदान किए। इस अवसर पर अमृतादेवी पर्यावरण नागरिक संस्थान के श्री त्रिलोक चन्द छाबड़ा सहित संस्थान के विभिन्न पदाधिकारी, पर्यावरणविद्, पर्यावरण संरक्षक एवं बड़ी संख्या में आमजन उपस्थित थे।

नोट- खबरों की अपडेट के लिए जनता से रिश्ता पर बने रहे।

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