Jaipur : खेती के उपयोग में आदान व गुणवत्ता को आश्वस्त करने में कृषि विश्वविद्यालयों की अहम भूमिका
जयपुर । श्री कर्ण नरेंद्र कृषि विश्वविद्यालय में उप मुख्यमंत्री डॉ प्रेमचंद बैरवा द्वारा किसान मेले का उद्घाटन किया गया । मेले में रविवार को 5000 से ज्यादा किसानों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया । इस मेले में 100 के लगभग कृषि प्रदर्शनियां लगाई गयी हैं, जिनके माध्यम से किसानों को अनुसंधान, मशीनीकरण, विभिन्न रसायनों …
जयपुर । श्री कर्ण नरेंद्र कृषि विश्वविद्यालय में उप मुख्यमंत्री डॉ प्रेमचंद बैरवा द्वारा किसान मेले का उद्घाटन किया गया । मेले में रविवार को 5000 से ज्यादा किसानों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया । इस मेले में 100 के लगभग कृषि प्रदर्शनियां लगाई गयी हैं, जिनके माध्यम से किसानों को अनुसंधान, मशीनीकरण, विभिन्न रसायनों में कीटनाशकों ,उन्नत बीजों इत्यादि के बारे में जानकारी दी जा रही हैं।
मुख्य अतिथि उपमुख्यमंत्री डॉ प्रेमचंद बैरवा ने मंच पर संबोधित करते हुए कहा कि भारत एक कृषि प्रधान देश होने के कारण हम किसान के बिना अपने अस्तित्व की कल्पना भी नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि राजस्थान के आर्थिक विकास में कृषि एवं पशुपालन क्षेत्र प्रमुख भूमिका निभाता है। इस क्षेत्र को वर्तमान में कई चुनौतियों जैसे की सीमित संसाधन जलवायु परिवर्तन ,घटती जोतें, बढ़ती जनसंख्या, शहरीकरण आदि का सामना करना पड़ रहा है। डॉ बैरवा ने बताया कि खेती के उपयोग में आदान व गुणवत्ता को आश्वस्त करने में कृषि विश्वविद्यालयों की भी बड़ी भूमिका है तथा विश्वविद्यालय वर्षा के पानी को संरक्षित करने में उल्लेखनीय कार्य कर रहा है।
उन्होंने कृषि विश्वविद्यालय में होने वाले अनुसंधान पर हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि मुझे यह जानकर अत्यन्त प्रसन्नता हुई है कि यह विश्वविद्यालय अनुसंधान क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति कर रहा है। इस विश्वविद्यालय द्वारा विभिन्न फसलों की 175 से भी अधिक नवीन किस्में एवं पाँच सौ से भी अधिक कृषि तकनीके विकसित की गईं है जिसका लाभ हमारे प्रदेश के किसान ही नही अपितु पडोसी राज्यों के किसान भी उठा रहे है तथा मुझे इस बात की प्रसन्नता है कि श्री कर्ण नरेंद्र कृषि विश्वविद्यालय के अधीन कार्यरत प्रसार निदेशालय तथा कृषि विज्ञान केंद्र इस दिशा में उल्लेखनीय कार्य कर रहे हैं। किसानों को इन कृषि विज्ञान केंद्रों द्वारा आयोजित गतिविधियों का प्रत्यक्ष लाभ हुआ है। उपमुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालय कुलपति को बधाई दी कि उन्होंने तीन दिवसीय मेले का आयोजन किया तथा अपना विश्वास प्रकट करते हुए की यह मेला सफलता के नए कीर्तिमान स्थापित करेगा और मेले के दौरान मिलने वाला तकनीकी ज्ञान खेती के दौरान सामने आने वाली व्यावहारिक समस्याओं के समाधान में उपयोगी साबित होगा।
श्री कर्ण नरेंद्र कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ बलराज सिंह ने कहा की जोबनेर कृषि विश्वविद्यालय प्रसार ,अनुसंधान व शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय के अंतर्गत 14 संगठित महाविधालय व 8 कृषि विज्ञान केंद्र हैं । कृषि क्षेत्र में इस विश्वविद्यालय का 15 जिलों में कार्यक्षेत्र हैं। जोबनेर महाविद्यालय में आईसीएआर के एआईसीआरपी परियोजना के तहत तिलहनी फसलों , बिजीय मसालों व शुष्क क्षेत्र में होने वाले फलों पर अनुसंधान चल रहा है । वहीं विश्वविद्यालय के रारी दुर्गापुरा के अंतर्गत गेहूं , जौं, मुंगफली, बाजरा, चना, मूंग, उड़द,मटर, शुष्क क्षेत्रीय दलहनी फसलें ,सब्जियां , मसालों पर अनुसंधान कार्य चल रहा है।
अटारी के निदेशक डॉ जे पी मिश्रा ने अटारी की गतिविधियों का ब्यौरा प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि राजीव सिवाच मुख्य महाप्रबंधक नाबार्ड व फागी प्रधान प्रेम चौधरी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के दौरान प्रसार शिक्षा निदेशालय की डायरी का विमोचन किया गया ।
इसी दौरान उपमुख्यमंत्री द्वारा विश्वविद्यालय परिसर में पौधा रोपण भी किया ।
कृषि महाविद्यालय की रेडी स्टॉल का भी उपमुख्यमंत्री डॉ प्रेमचंद बैरवा ने अवलोकन किया तथा सराहना करते हुए कहा की रेडी विद्यार्थियों का संकलन सराहनीय हैं।
कार्यक्रम के अंत में प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ सुदेश कुमार ने कृषि अनुसंधान एवं प्रसार का ब्यौरा प्रस्तुत किया व धन्यवाद ज्ञापित किया व बताया की इस मेले के माध्यम से राजस्थान व पड़ोसी राज्यों के 15 हजार से ज्यादा किसान लाभान्वित होंगे।