महिला और बच्चों के खिलाफ यौन अपराध के अनुसंधान में तेजी ,फॉरेंसिक एक्सपर्ट नियुक्त
रांची। झारखंड में महिला और बच्चों के खिलाफ यौन अपराध के अनुसंधान में तेजी आयी है. इसे लेकर महिला फॉरेंसिक एक्सपर्ट नियुक्त किए जायेंगे. अपराध अनुसंधान विभाग (सीआईडी) के द्वारा झारखंड में यौन अपराध से संबंधित मामलों के अनुसंधान में आ रही कठिनाई को देखते हुए राज्य की महिला सिपाही से लेकर दरोगा स्तर के पुलिसकर्मियों को फॉरेंसिक सहायता के लिए नियुक्त किया जाएगा. इसे लेकर नियुक्ति की प्रकिया शुरू कर दी गई है.
63 महिला पुलिसकर्मी किए गए हैं चयनित
फॉरेंसिक सहायता पहुंचाने के लिए राज्यभर से अलग-अलग जिले और अलग-अलग वाहिनी के कुल 63 महिला पुलिसकर्मियों को चयनित किया गया है. इसके बाद इंटरव्यू के बाद इन महिला पुलिसकर्मियों को फाइनल रूप से फॉरेंसिक सहायता के लिए नियुक्त किया जाएगा.
यौन उत्पीड़न के बाद सबूत के लिए होता है फॉरेंसिक जांच
फॉरेंसिक जांच एक प्रकार की चिकित्सा जांच है, जो यौन उत्पीड़न उपचार इकाई (एसएटीयू) में पेश की जाती है. यह दुष्कर्म या यौन उत्पीड़न के बाद सबूत पाने के लिए किया जाता है. फॉरेंसिक नमूने एकत्र करने का सबसे अच्छा समय घटना के बाद पहले 72 घंटे (3 दिन) है. लेकिन घटना के सात दिनों के भीतर नमूने अभी भी एकत्र किए जा सकते हैं. यह साक्ष्य यौन अपराध की जांच करने में मदद करता है.