आईजीएमसी में इमरजेंसी वार्ड में चार बजे के बाद नहीं लग रहे इंजेक्शन
शिमला। आईजीएमसी के आपातकालीन वार्ड का एक के बाद एक कारनामा सामने आ रहा है। ताजा मामले में चार बजे के बाद मरीजों को नर्सों द्वारा इंजेक्शन लगाने बंद कर दिए हैं। ऐसा ही मामला सिरमौर के रहने वाले एक मरीज के साथ सामने आया है। सिरमौर के रहने वाले सुरेश कुमार जब मेडिसिन ओपीडी से आपातकालीन वार्ड में विटामिन डी का इंजेक्शन लगाने भेजा गया तो वहां पर तैनात नर्सों ने इंजेक्शन लगाने से मना कर दिया। नर्सों का कहना था कि प्रशासन के ऑर्डर के मुताबिक चार बजे के बाद आपातकालीन वार्ड में इंजेक्शन लगाने बंद कर दिए हंै।
यहां पर सिर्फ गंभीर मरीजों को ही इंजेक्शन लगाए जाएंगे, जबकि मरीज ने नर्सों से प्रार्थना भी की कि वह बहुज दूर से आया हैै और उनके पास ठहरने की भी सुविधा नहीं है, लेकिन नर्सों ने यह फरमान जारी किए कि कल आपातकालीन वार्ड फिर आ जाना आपको इंजेक्शन लगा लिया जाएगा। प्रशासन के यह ऑर्डर मरीजों पर भारी पड़ रहा है। आपातकालीन वार्ड की हालत काफी ज्यादा गंभीर हो गई है। प्रशासन को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है। आपातकालीन वार्ड इसलिए खोला गया है यहां पर 24 घंटे की मरीजों को सुविधा मिले, लेकिन अब यहां पर 12 घंटे की सुविधा भी नहीं मिल रही है। मरीजों ने सरकार से मांग की है इसको लेकर कार्रवाई होनी चाहिए और मरीजों को यहां पर इंजेक्शन लगाने की 24 घंटे की सुविधा मिलनी चाहिए।
रात के समय में मरीजों का का ठीक से उपचार नहीं होता है। जब भी किसी मरीज को आपातकालीन वार्ड में लाया जाता है तो उसकी ओर डाक्टर द्वारा ध्यान नहीं दिया जाता है। सुबह तक मरीजों को दवा तक नहीं दी जाती है। कई बार यहां पर इलाज न मिलने को लेकर हंगामे भी हो चुके है। फिर भी प्रशासन जागता हुआ नजर नहीं आ रहा है। आपातकालीन वार्ड में एक यह भी दिक्कत है कि जूनियर डाक्टर तीमारदारों से कभी भी ठीक से बातचीत नहीं करते है। यहां पर डाक्टर व तीमारदारों की लड़ाई तक हुई है, फिर भी इसको लेकर प्रशासन कोई एक्शन नहीं लेता है। तीमारदारों व मरीजों को परेशानी झेलने के अलावा कोई यहां पर कोई इलाज नहीं होता है।