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जल बोर्ड टेंडर अनियमितता मामलें में अदालत ने आरोपी को 14 दिन रिमांड में भेजा
नई दिल्ली। यहां की एक अदालत ने दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) द्वारा टेंडर देने में अनियमितताओं से संबंधित एक मामले में शनिवार को मुख्य अभियंता (सेवानिवृत्त) जगदीश अरोड़ा और ठेकेदार अनिल अग्रवाल को 24 फरवरी तक 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आरोपियों को 31 जनवरी को गिरफ्तार किया …
नई दिल्ली। यहां की एक अदालत ने दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) द्वारा टेंडर देने में अनियमितताओं से संबंधित एक मामले में शनिवार को मुख्य अभियंता (सेवानिवृत्त) जगदीश अरोड़ा और ठेकेदार अनिल अग्रवाल को 24 फरवरी तक 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आरोपियों को 31 जनवरी को गिरफ्तार किया था और अदालत में आवेदन दायर कर आरोपी व्यक्तियों को न्यायिक हिरासत में भेजने का अनुरोध किया था। राउज़ एवेन्यू कोर्ट के ड्यूटी स्पेशल जज न्याय बिंदु ने जेल अधिकारियों को हिरासत के दौरान दोनों आरोपी व्यक्तियों की चिकित्सा जांच और उचित चिकित्सा सहायता मंहैया करवाने का निर्देश दिया।
ईडी के आरोपों में मेसर्स एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फ्लो मीटर की आपूर्ति, स्थापना, परीक्षण और कमीशनिंग के लिए डीजेबी का ठेका देना शामिल है, जबकि कंपनी कथित तौर पर तकनीकी मानदंडों को पूरा नहीं कर रही थी। यह दावा किया गया है कि आरोपियों ने 3 करोड़ रुपये की अवैध रिश्वत प्राप्त की और 38 करोड़ रुपये का ठेका मेसर्स एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को दे दिया, जिसने काम का उपठेका अनिल कुमार अग्रवाल के स्वामित्व वाली मेसर्स इंटीग्रल स्क्रू इंडस्ट्रीज को दे दिया। ईडी की अर्जी का आरोपी अनिल अग्रवाल के वकील नागेश बहल ने विरोध किया। आरोपी के वकील ने तर्क दिया कि कम लागत का टेंडर दिया गया था। उन्होंने ईडी पर अदालत को गुमराह करने का आरोप लगाया। उन्होंने तर्क दिया कि अनुसूचित अपराध में सीबीआई द्वारा कोई आरोपपत्र दायर नहीं किया गया है और कहा कि ईडी को कार्रवाई करने से पहले आरोप पत्र का इंतजार करना चाहिए था।