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'सरकार यदि बातचीत ईमानदारी से करती तो यह नौबत नहीं आती' - योगेंद्र यादव

Nilmani Pal
28 Jan 2021 2:30 PM GMT
सरकार यदि बातचीत ईमानदारी से करती तो यह नौबत नहीं आती - योगेंद्र यादव
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ट्रैक्‍टर रैली हिंसा मामले में पुलिस-प्रशासन की कार्रवाई के बारे में उन्‍होंने कहा, 'मुझे अब तक कोई नोटिस नहीं मिला है. FIR की कॉपी मैंने देखी है.

जनता से रिश्ता वेब डेस्क। नई दिल्ली: Kisan Rally Violence: 'हमने ट्रैक्‍टर रैली को शांतिपूर्ण रखने की कोशिश की थी. स्थिति को कंट्रोल करने की कोशिश भी की थी. किसी भी बड़े आंदोलन में ऊंच नीच तो होती है लेकिन इसे (हिंसा को) रोका जा सकता था' यह बात स्वराज अभियान के प्रमुख और किसानों के प्रतिनिधि योगेंद्र यादव (Yogendra Yadav) ने NDTV के साथ बातचीत में कही. 'गणतंत्र दिवस पर किसानों की ओर से आयोजित ट्रैक्‍टर रैली (Tractor Rally) के दौरान हिंसा से जुड़े मामले में यादव ने कहा, 'पुलिस ने ठान लिया था कि बल प्रयोग करेगी. किसान चुपचाप बैठे हैं किसी तरह की कोई घटना अब नहीं हुई है'

उन्‍होंने कहा कि यूपी पुलिस दमन का सहारा ले रही है जो कई बार इस्तेमाल कर चुकी है. ट्रैक्‍टर रैली हिंसा मामले मेंपुलिस-प्रशासन की कार्रवाई के बारे में उन्‍होंने कहा, 'मुझे अब तक कोई नोटिस नहीं मिला है. FIR की कॉपी मैंने देखी है. ट्रैक्टर रैली को हमने शांतिपूर्ण करने की कोशिश ही थी. हालात कंट्रोल करने की कोशिश की थी लेकिन इसे रोका जा सकता था. उन्‍होंने कहा, 'भारत सरकार यदि नेगोसिएशन ईमानदारी से करती तो ये नौबत नहीं आतीउपद्रवियों पर पहले ही कार्रवाई होनी चाहिए थी. दिल्ली पुलिस ने पहले कोई कार्रवाई नहीं की. वैसे, अंतिम नैतिक जिम्मेवारी हमारी है.

योगेंद्र यादव ने कहा, 'हम 30 जनवरी को एक दिन का उपवास करेंगे. संसद कूच का भी ऐलान हमने वापस लिया है. आंदोलन गंभीरता से आगे बढ़ेगा. सरकार के पास कोई तर्क नहीं थे. आंदोलन के खिलाफ़ एक वीडियो चाहिए था सरकार को और वही हुआ.' उन्‍होंने कहा कि इस आंदोलन को अपार जनसमर्थन है. इस देश की इज़्ज़त, लाल किले की शान, तिरंगे की शान हम सब की ज़िम्मेदारी है.'


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