ग्वालियर। एक लंबे अरसे से रिश्तो में पड़ी खटास को ग्वालियर की परामर्श सेल ने दूर कर दिया है। वो भी सात जन्मों के लिए, ऐसे करीब 65 केस हैं, जिन्हें आपसी समझौते से सुलझा लिया गया है, जो शादी के 12 साल बाद भी उलझे पड़े हुए थे। इतना ही नहीं कोर्ट कचहरी की दहलीज तक पहुंच चुके थे। मगर अब ऐसे रिश्ते नई जिंदगी की आस लेकर अपने बच्चों के साथ सफर पर निकल पड़े हैं। कतार में बैठे ये जोड़ें कुछ साल पहले एक दूसरे से इतनी दूरी बना ली कि करीब आने का कोई विकल्प नहीं छोड़ा। मामला पुलिस की दहलीज से निकलकर कोर्ट, कचहरी तक जा पहुंचा, जहां पुलिस की परामर्श सेल ने रिश्तों में पड़ी खाई को खत्म कर मिठास घोलने का काम किया। नतीजा ये रहा कि रिश्तों में पड़ी गांठ फिर से सुलझ गई। खुशी खुशी एक दूसरे के साथ रहने को राजी हो गए हैं।
इन जोड़ों में कुछ तो ऐसे थे, जिनकी शादी को एक साल ही हुआ था, तो कुछ ऐसे जिनके विवाह को 11 साल तक हो गए थे। लेकिन किसी तरह की गलतफहमी से इन जोड़ों के बीच विवाद जैसी स्थिति बन गई। क्योंकि किसी लड़की को जींस पहनने का शौक था, जो पति को मंजूर नहीं था। ये सभी पुलिस परिवार परामर्श केन्द्र आए, जहां जोड़ों के बीच में हुई गलतफहमियों और विवाद के कारणों को दूर किया गया। अब तक कई जोड़ों को पुलिस परामर्श केन्द्र ने फिर से मिला दिया है। इंदौर में तीन जगह पर परिवार परामर्श केन्द्र संचालित हो रहे हैं, जिनका एक ही मकसद होता है कि किसी भी हाल में झगड़े रिश्तों के अंत तक ना पहुंचे। अक्सर गलतफहमियां भी रिश्तों को तोड़ देती है। ऐसे में पति-पत्नी को चाहिए कि बातचीत कर रास्ता निकालें। परामर्श केंद्र पहुंचे कपल भी अकेलेपन का दंश झेल चुके हैं। यही वजह है कि अब दोबारा एक-दूजे के साथ एक नई जिंदगी की आस लेकर अपने बच्चों के साथ सफर पर निकल पड़े हैं।