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भारतीय सुरक्षा बल ऐसी ताकत हासिल करने की तरफ तेजी से बढ़ रहे हैं, जो किसी भी युद्ध की दिशा और दशा कुछ ही समय में पलटकर रख रहे हैं. इसके लिए इंडियन आर्म्ड फोर्सेज के पास आ रहा है प्रलय (Pralay Ballistic Missile). जी हां, प्रलय अब चीन हो या पाकिस्तान, सभी दुश्मनों के लिए सबसे बड़ा खतरा बन रहा है. इसकी ताकत इंडियन आर्मी (Indian Army) को अजेय बना देगी. क्योंकि ये न सिर्फ इंटरसेप्टर मिसाइलों को हवा में ही मार गिराएगा, बल्कि दुश्मनों के सभी स्ट्रेटजिक ठिकानों को चुटकी बजाते ही तबाह कर देगा. खासकर दुश्मन की सबसे बड़ी ताकत उसकी रडार इंस्टालेशन स्टेशन से लेकर मिसाइल डिफेंस सिस्टम के बेस तक को प्रलय तबाह कर देगा. रक्षा सूत्रों ने जानकारी दी है कि भारत सरकार की सुरक्षा मामलों को लेकर सबसे बड़ी कमेटी एक सप्ताह के भीतर इसकी खरीदी की अनुमति दे देगी.
रॉकेट फोर्स बना रहा है भारत
भारत सरकार तेजी से ऐसी फोर्स बना रही है, जो किसी भी देश के लिए सबसे बड़ी ताकत हो सकती है. भारत सरकार को पिछले सीडीएस जनरल (रिटायर्ड) बिपिन रावत (अब स्वर्गीय) ने रॉकेट फोर्स बनाने का सुझाव दिया था, जिसे सरकार ने मान लिया था. इसमें थोड़ी देरी इसलिए हुई, क्योंकि भारत अब तक बड़ी मात्रा में रॉकेट हासिल करने जैसे मामलों में विदेशों पर निर्भर था. लेकिन भारत सरकार ने कहा कि हम खुद अब ऐसे हथियार बनाएंगे, जिसके बाद प्रलय को तैयार किया गया है. अब प्रलय के साथ ही अन्य मिसाइलों को लेकर भारत सरकार अलग से रॉकेट आर्मी बना रही है, जिसे कुछ ही समय में तैनात कर दिया जाएगा. ये रॉकेट आर्मी अलग-अलग ठिकानों को निशाने पर रखेंगे, और जैसे उन्हें ध्वस्त करने की मंजूरी मिलती है, वो मिनटों में दुश्मन की कमर तोड़ देंगे. हालांकि चीन के पास पहले से रॉकेट आर्मी है, लेकिन भारत की रॉकेट आर्मी कहीं ज्यादा मजबूत और एडवांस रहेगी, क्योंकि प्रलय को साथ मिलेगा ब्रह्मोस का. जो दुनिया में अब भी बेजोड़ और अभेद्य मानी जाती है. खुद प्रलय बीच रास्ते में अपना रास्ता बदल सकता है और एक साथ कई ठिकानों को तबाह करने की ताकत रखता है.
प्रलय की असली ताकत क्या है?
प्रलय बैलिस्टिक मिसाइल की असली ताकत उसकी रेंज है. प्रलय 150 किमी से लेकर 500 किमी दूर तक के ठिकानों को पलक झपकते ही नष्ट कर देगा. वो हवा में अपनी दिशा बदलने में भी माहिर है. बैलिस्टिक मिसाइल होने की वजह से रफ्तार काफी तेज है और मोबिलिटी उसकी उसे बाकियों से कहीं अधिक घातक बना देगा. चूंकि प्रलय की लान्चिंग से जुड़े आदेश सिर्फ एक जगह से आएंगे, इसलिए इसे इफेक्टिव तरीके से इस्तेमाल भी किया जा सकता है. रॉकेट फोर्स सीधे-सीधे भारत की स्ट्रेटजिक सेंट्रल कमांड से संचालित होगी. इन्हें सबसे पहले चीन से जुड़ी सीमाओं पर तैनात किया जाएगा. इसे ऐसे मान लें कि लद्दाख की सीमा के पार चीन ने अपनी जो भी तैनाती कर रखी है, या जो भी रेडार या मिसाइल लॉन्चिंग सिस्टम लगा रखे हैं. युद्ध की दशा में उन्हें प्रलय सबसे पहले निशाना बनाकर पूरी चीनी ताकत को पंगु कर देगा और बाकी का काम भारत के अन्य महारथी कर लेंगे.
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