उत्तराखंड

Higher Education Research Incentive Scheme : उच्च शिक्षा में शोध के लिए 18 लाख रुपये तक देगी सरकार

26 Jan 2024 5:53 AM GMT
Higher Education Research Incentive Scheme : उच्च शिक्षा में शोध के लिए 18 लाख रुपये तक देगी सरकार
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देहरादून। मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा शोध प्रोत्साहन योजना के तहत शिक्षकों एवं छात्र-छात्राओं को शोध के लिए सरकार 18 लाख रुपये तक देगी। शासन की ओर से इस संबंध में आदेश जारी किया गया है। आदेश में कहा गया है कि राजकीय महाविद्यालयों एवं राज्य विश्वविद्यालयों में उच्च गुणवत्तायुक्त शैक्षणिक वातावरण के विकास, नई तकनीकों को …

देहरादून। मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा शोध प्रोत्साहन योजना के तहत शिक्षकों एवं छात्र-छात्राओं को शोध के लिए सरकार 18 लाख रुपये तक देगी। शासन की ओर से इस संबंध में आदेश जारी किया गया है। आदेश में कहा गया है कि राजकीय महाविद्यालयों एवं राज्य विश्वविद्यालयों में उच्च गुणवत्तायुक्त शैक्षणिक वातावरण के विकास, नई तकनीकों को बढ़ावा देने एवं राजकीय महाविद्यालयों और राज्य विश्वविद्यालयों के शिक्षकों व छात्रों को शोध के लिए प्रोत्साहित करने के लिए मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा शोध प्रोत्साहन योजना शुरू करने का निर्णय लिया गया है।

आदेश में कहा गया है कि राज्यस्तरीय राज्य शोध एवं विकास प्रकोष्ठ चयन व मूल्यांकन समिति का गठन किया जाएगा। जिसमें प्रमुख सचिव और सचिव उच्च शिक्षा की ओर से नामित प्रतिनिधि, निदेशक उच्च शिक्षा, कुलपति, नियोजन विभाग की ओर से नामित सदस्य एवं शोध प्रस्ताव के विषय क्षेत्र के अनुसार उच्च शिक्षा विभाग की ओर से नामित विषय विशेषज्ञ सदस्य के रूप में शामिल होगा।

50 प्रतिशत अनुदान राशि शोध प्रस्ताव की स्वीकृति
आदेश में कहा गया है कि शोध के लिए अधिकतम राशि सीमा 15 लाख रुपये होगी। जिसे बढ़ाकर 18 लाख रुपये तक किया जा सकता है। किसी भी शिक्षक और शोधार्थी को एक समय में केवल एक ही शोध परियोजना दी जाएगी। शासनादेश के अनुसार शोध की अनुदान राशि तीन किस्तों में दी जाएगी। पहली किस्त में 50 प्रतिशत अनुदान राशि शोध प्रस्ताव की स्वीकृति के साथ जारी की जाएगी। जबकि दूसरी किस्त के रूप में 30 प्रतिशत की अनुदान राशि संतोषजनक कार्य करते हुए पूर्व स्वीकृत राशि का उपभोग प्रमाण पत्र दिए जाने पर दी जाएगी।

इसके बाद अन्य राशि दी जाएगी। शासन की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि शोध मौलिक होना चाहिए। यूजीसी द्वारा शोध की गुणवत्ता एवं मानकों के दिशा निर्देशों के अनुरूप होना चाहिए। शोध कार्य के प्रति अरुचि दिखाने, अनुशासनहीनता करने एवं त्यागपत्र देने की अवस्था में महाविद्यालय की शोध एवं विकास समिति लिखित रूप से प्रमाण प्रस्तुत करते हुए शोध सहयोगी को हटा सकती है।

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