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हाथरस कांड: ममता बनर्जी ने कोलकाता में निकाली रैली, विरोध प्रदर्शन में दिए ये संकेत

Admin4
3 Oct 2020 1:38 PM GMT
हाथरस कांड: ममता बनर्जी ने कोलकाता में निकाली रैली, विरोध प्रदर्शन में दिए ये संकेत
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हाथरस कांड: ममता बनर्जी ने कोलकाता में निकाली रैली, विरोध प्रदर्शन में दिए ये संकेत

उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में कथित सामूहिक दुष्कर्म मामले के खिलाफ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता

जनता से रिश्ता वेबडेस्क |उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में कथित सामूहिक दुष्कर्म मामले के खिलाफ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोलकाता शहर में शनिवार को एक रैली निकाली। यह मार्च बिड़ला तारामंडल से शुरू हुआ और करीब दो किलोमीटर दूर गांधी प्रतिमा के सामने खत्म हुआ।

ममता बनर्जी ने रैली में कहा कि 'मेरा हाथरस जाने और पीड़िता के परिवार से मिलने का मन कर रहा है। जो हुआ, वह निंदनीय है। अल्पसंख्यकों और अनुसूचित जातियों के खिलाफ हो रहे हमले पूरी तरह अस्वीकार्य हैं। मैं अपने अनुसूचित जाति के भाइयों और बहनों के साथ खड़ी रहूंगी। मेरे लिए मेरी जात मानवता है।'

वहीं, बनर्जी ने कोरोना के सामुदायिक प्रसार पर रैली में कहा कि 'ऐसा लगता है कि कोविड-19 का सामुदायिक स्तर पर प्रसार शुरू हो गया है क्योंकि जो लोग घर से बाहर नहीं निकले वो भी संक्रमित हुए हैं।'

बता दें कि बनर्जी ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार पर निशाना साधा था और कहा था कि 'रावण द्वारा अपहरण किए जाने के बाद देवी सीता को अग्नि परीक्षा से गुजरना पड़ा था और हाल में हाथरस में कथित सामूहिक दुष्कर्म और बर्बरता की शिकार युवती को भी रात के अंधेरे में चिता की अग्नि के हवाले कर दिया गया।'

ममता बनर्जी ने गुरुवार को ही दुष्कर्म पीड़िता के शव को परिजनों की अनुमति के बिना जलाने पर योगी सरकार पर निशाना साधा था। ममता बनर्जी ने कहा था कि 'उत्तर प्रदेश में न केवल पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया गया, बल्कि उसके शरीर को जला दिया गया। अगर कोई अपराध हुआ है तो पुलिस को जांच करनी चाहिए। यह किस तरह का नियम है? कभी अल्पसंख्यकों पर अत्याचार होता है, कभी अनुसूचित जातियों पर अत्याचार होता है और कभी 'आदिवासियों' पर अत्याचार होता है।'

गौरतलब है कि हाथरस जिले के चंदपा थाने क्षेत्र के एक गांव में बीते 14 सितंबर को मवेशियों के लिए चारा लेने खेत गई 19 वर्षीय अनुसूचित जाति की एक लड़की को गांव के ही चार युवकों ने अपनी दरिंदगी का शिकार बनाया था। हैवानों ने युवती के साथ दरिंदगी करने के बाद उसको जान से मारने की नीयत से उसका गला दबाया था, जिससे युवती के गर्दन की हड्डी टूट गई थी।

लड़की को पहले अलीगढ़ के जेएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था, फिर हालत बिगड़ने पर उसे दिल्ली के सफदरजंग हॉस्पिटल रेफर कर दिया गया था। यहां इलाज के दौरान मंगलवार सुबह पीड़िता की मौत हो गई थी। इसके बाद पीड़िता के शव को देर रात परिजनों की मर्जी के खिलाफ प्रशासन द्वारा जबरन अंतिम संस्कार कर दिया गया। जिससे पूरे देश के लोगों में गुस्सा है, लोगों ने इसे घोर अमानवीय करार दिया है।


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