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हरियाणा (Haryana) की नारनौल जेल के उपाधीक्षक (Deputy Superintendent of Prison) ने बृहस्पतिवार शाम को, कथित तौर पर जहरीले पदार्थ का सेवन कर आत्महत्या (Suicide) कर ली
हरियाणा (Haryana) की नारनौल जेल के उपाधीक्षक (Deputy Superintendent of Prison) ने बृहस्पतिवार शाम को, कथित तौर पर जहरीले पदार्थ का सेवन कर आत्महत्या (Suicide) कर ली. पुलिस ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. पुलिस के मुताबिक, मृतक की पहचान रोहतक के पोलंगी गांव के कुलदीप हुड्डा (45) के रूप में की गयी है जिस पर भ्रष्टाचार के दो मुकदमे चल रहे थे और वह फरार था. पुलिस ने बताया कि कुलदीप अपने एक रिश्तेदार से मिलने बृहस्पतिवार को राजेंद्र पार्क थाना क्षेत्र के मकरोला गांव पहुंचा था, जहां उसने कथित तौर पर जहरीला पदार्थ खा लिया.
इसके बाद कुलदीप को एसजीटी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गयी. कुलदीप के खिलाफ दर्ज भ्रष्टाचार के दो मामलों में से एक, नारनौल में पुलिस ने दर्ज किया था जबकि दूसरा राज्य सतर्कता ब्यूरो ने दर्ज किया था. इससे पहले, पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी.
अधिकारी ने कही ये बात
गुरुग्राम पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पहचान गुप्त रखे जाने की शर्त पर पीटीआई-भाषा को बताया, ''कुलदीप के खिलाफ नारनौल पुलिस और राज्य सतर्कता ब्यूरो ने भ्रष्टाचार के मामले दर्ज किए थे. उच्च न्यायालय में बृहस्पतिवार को उसकी जमानत के लिए सुनवाई थी और बताया जाता है कि उसकी जमानत की अपील खारिज कर दी गई थी. हो सकता है कि इसकी वजह से वह परेशान रहा हो. हम उसके परिवार से बात कर रहे हैं और मामले की विस्तृत जांच कर रहे हैं.'' इस बीच, मृतक के परिजनों ने आरोप लगाया है कि नारनौल पुलिस और सतर्कता आयोग ने हुड्डा को फर्जी मामलों में फंसाया.
परिजनों ने इस संबंध में गुरुग्राम पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है और जांच की मांग की है. हुड्डा की पत्नी नीलम और उसके बेटे मुकेश ने कहा, "रिश्वत लेते हुए जेल के एक वार्डन को पकड़ा गया था लेकिन पुलिस और सतर्कता विभाग ने कुलदीप हुड्डा को फंसाया. हम पारदर्शी तरीके से जांच और दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग करते हैं."
शव परिजनों को सौंपा गया
पुलिस ने कहा कि शव को पोस्ट मॉर्टम के बाद शुक्रवार को परिजनों को सौंप दिया गया. डीसीपी दीपक शरण ने कहा, "परिवार ने जांच की मांग की है और हमने उन्हें इसका आश्वासन दिया है. कानून के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी." गत वर्ष नारनौल जेल के एक कैदी की शिकायत पर, सतर्कता विभाग ने एक लाख रुपये घूस लेते हुए जेल के एक वार्डन को पकड़ा था. जांच में जेल अधीक्षक अनिल कुमार और उपाधीक्षक कुलदीप हुड्डा का नाम सामने आया था.
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