राजसमंद। राजसमंद नगर पालिका में राजस्थान असंगठित मजदूर यूनियन से जुड़े मजदूर एवं अन्य शहर के निवासी भी शहरी रोज़गार गारंटी योजना में रोज़गार के लिए चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन उन्हें रोज़गार नहीं मिल रहा है। जबकि पूर्व में ग्राम पंचायत के दौरान आसानी से महात्मा गांधी नरेगा योजना में काम मिल जाता था। इसको …
राजसमंद। राजसमंद नगर पालिका में राजस्थान असंगठित मजदूर यूनियन से जुड़े मजदूर एवं अन्य शहर के निवासी भी शहरी रोज़गार गारंटी योजना में रोज़गार के लिए चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन उन्हें रोज़गार नहीं मिल रहा है। जबकि पूर्व में ग्राम पंचायत के दौरान आसानी से महात्मा गांधी नरेगा योजना में काम मिल जाता था। इसको लेकर राजस्थान असंगठित मजदूर यूनियन एवं भीम नगर पालिका के मजदूरों ने नगर के बाज़ारों में काम की मांग को लेकर रैली निकाली। इसके बाद उपखंड कार्यालय पर धरना देकर ज्ञापन भी सौंपा।
प्रदर्शन को लेकर सभी मजदूर पाटिया का चौड़ा में इकठ्ठा हुए और वहां से भीम के बाज़ारों से होकर रैली निकाली। यह डाक बंगला, ट्रक चौराहा, सूजाजी का चौक होती हुई उपखंड अधिकारी कार्यालय के सामने पहुंची जहां, धरना दिया। धरने पर हुई सभा को संबोधित करते हुए यूनियम की हेमलता ने कहा कि कस्बे में नगर पालिका बने 5 महीने से अधिक समय होने के बावजूद अब तक शहरी रोज़गार गारंटी में जॉब कार्ड नहीं बन पाए हैं। यूनियन के कार्यकारी अध्यक्ष शंकरसिंह ने कहा कि हम लम्बे समय से रोज़गार की मांग कर रहे हैं, लेकिन रोज़गार नहीं मिल रहा है और अधिकारी एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डाल रहे हैं।
वहीं, बाबूलाल ने कहा कि शहरी रोज़गार गारंटी में काम नहीं मिलने तक संघर्ष जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि जब देवगढ और ब्यावर में काम चल रहा है तो भीम में क्यों नहीं चल रहा है ये समझ में नहीं आ रहा है। बताया कि इसको लेकर कार्यवाहक अधिशासी अधिकारी एवं विकास अधिकारी से कई बार मौखिक और 3 बार लिखित में रोज़गार उपलब्ध कराने की मांग की, लेकिन कोई समाधान नहीं हो पाया।महिलाओं और यूनियन के पदाधिकारियों ने मिलकर विधायक हरिसिंह रावत को काम की मांग और जॉब कार्ड बनाए जाने को लेकर ज्ञापन दिया। इस मौके पर उपखंड अधिकारी पूनम को भी ज्ञापन दिया। इस मौके पर मजदूर किसान शक्ति संगठन के साथी रूपसिंह, विनीत, लक्ष्मी चौहान, श्रिया सिंह, रुकमा देवी तथा राजस्थान असंगठित मजदूर यूनियन से निर्मला, वनिता, पिंकी, सोनू तथा भीम नगर पालिका के मजदूर मौजूद थे।