जीएसटी अधिकारियों ने फर्जी तरीके से 557 करोड़ रुपये का इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITS) पास करने में शामिल 246 फर्जी संस्थाओं से जुड़े दो फर्जी बिलिंग रैकेट का खुलासा किया है और तीन प्रमुख संचालकों को गिरफ्तार किया है।
दोनों मास्टरमाइंडों के जब्त किए गए लैपटॉप और मोबाइल फोन की फोरेंसिक जांच से बही खाता, चालान, ई-वे बिल आदि की भी प्राप्ति हुई है। इसके अलावा, फर्जी जीएसटी बिल और अवैध नकदी प्रवाह के लेन देन का सबूत देने वाले व्हाट्सएप चैट व वॉयस मैसेज भी मिले हैं।
वित्त मंत्रालय ने कहा कि GSTअधिकारियों की प्रारंभिक जांच में फर्जी फर्मों के नाम पर बैंक खाते खोलने में बैंक अधिकारियों के शामिल होने का भी संकेत मिला है।
वित्त मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय (DJJI) की मेरठ जोनल यूनिट ने 246 शेल अथवा फर्जी संस्थाओं से जुड़े दो प्रमुख फर्जी बिलिंग रैकेट का खुलासा किया, जिन्होंने 557 करोड़ रुपये की फर्जी ITS जारी की है।
इसमें कहा गया है कि एक रैकेट का जून, 2023 में नोएडा पुलिस द्वारा खुलासा की गई फर्जी कंपनियों के साथ घनिष्ठ संबंध था।
वित्त मंत्रालय के अनुसार, फर्जी शेल इकाइयां बनाने और संचालित करने में शामिल मास्टरमाइंड आनंद कुमार और अजय कुमार द्वारा संचालित दो सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया गया है।
दोनों मास्टरमाइंडों के दिल्ली के अध्यापक नगर और पश्चिमपुरी स्थित गुप्त कार्यालयों से फर्जी फर्मों से संबंधित कई दस्तावेज जैसे जाली स्टांप, डेबिट व क्रेडिट कार्ड, चेक बुक, आधार कार्ड, पैन कार्ड आदि बरामद किए गए हैं।
मंत्रालय ने कहा, 'यह इन मास्टरमाइंडों की दलालों/एजेंटों के साथ घनिष्ठ सांठगांठ को इंगित करता है जो मामूली मौद्रिक लाभ के बदले गरीब, जरूरतमंद और अतिसंवेदनशील लोगों की आईडी हासिल करने में माहिर हैं। दोनों मास्टरमाइंड को गिरफ्तार कर लिया गया है।"
इन दोनों सिंडिकेट ने 246 फर्जी फर्मों के माध्यम से 1,500 से अधिक लाभार्थी फर्मों को 3,142 करोड़ रुपये के कर योग्य टर्नओवर वाले चालान जारी किए हैं, जिसमें 557 करोड़ रुपये की आईटीसी शामिल है।
मंत्रालय ने कहा, 'प्रमुख लाभार्थी कंपनियां दिल्ली में स्थित हैं और अन्य 26 अन्य राज्यों में फैली हुई हैं। ऐसी ही एक लाभार्थी फर्म के मालिक विक्रम जैन को भी जांच के दौरान गिरफ्तार किया गया है।"
तीनों आरोपियों को 26 जुलाई को आर्थिक अपराध न्यायालय, मेरठ के समक्ष पेश किया गया और उन्हें 8 अगस्त तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।