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विधानसभा का बजट सत्र बुलाने की सिफारिश को राज्यपाल ने वापस लौटाया

jantaserishta.com
19 Feb 2022 5:24 PM GMT
विधानसभा का बजट सत्र बुलाने की सिफारिश को राज्यपाल ने वापस लौटाया
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कोलकाता। बंगाल सरकार और राज्यपाल जगदीप धनखड़ के बीच टकराव खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। राज्यपाल ने अब राज्य सरकार द्वारा आगामी सात मार्च से विधानसभा का बजट सत्र बुलाने की सिफारिश (फाइल) को वापस लौटा दिया है। राज्यपाल के इस कदम के बाद अब बजट सत्र को लेकर ऊहापोह की स्थिति पैदा हो गई है। राज्यपाल ने शनिवार को खुद ट्वीट करके जानकारी दी कि उन्होंने राज्य सरकार द्वारा सात मार्च से विधानसभा सत्र बुलाने की सिफारिश को वापस लौटा दिया है। उन्होंने दावा किया कि सत्र शुरू करने के लिए राज्य के संसदीय कार्य विभाग द्वारा राजभवन को भेजी गई सिफारिश में संवैधानिक नियमों का पालन नहीं किया गया है। इसीलिए इसे वापस करने के अलावा उनके पास कोई चारा नहीं था।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सहमति से राज्य के संसदीय कार्य मंत्री पार्थ चटर्जी ने राज्यपाल से राज्य विधानसभा का सत्र बुलाने की सिफारिश की थी। इसके मुताबिक, बजट सत्र सात मार्च को दोपहर दो बजे से बुलाने की बात थी। वहीं, राज्यपाल के मुताबिक, उन्हें 18 फरवरी को सिफारिश मिली थी। मंत्री द्वारा भेजी गई सिफारिश में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मंजूरी है। संविधान के अनुसार, राज्य कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद ही संसदीय कार्य मंत्री विधानसभा का सत्र बुलाने की सिफारिश कर सकते हैं। लेकिन, मंत्री द्वारा राजभवन को भेजी गई सिफारिश में कैबिनेट की मंजूरी का जिक्र नहीं था। राज्यपाल के अनुसार, मामला संविधान के अनुच्छेद 166 (3) के बिल्कुल विपरीत है। चूंकि राज्यपाल राज्य मंत्रिमंडल की स्वीकृति से ही विधानसभा का सत्र बुला सकते हैं। इस कारण से, उन्होंने राज्य सरकार को सिफारिश वापस भेज दी। इधर, इस प्रकरण पर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के नेता कुणाल घोष के मुताबिक, राज्यपाल ऐसा इसलिए कर रहे हैं क्योंकि वह इधर-उधर भटक रहे हैं और उनके पास करने के लिए कुछ नहीं है। हाल में राज्य सरकार की सिफारिश पर राज्यपाल ने 12 फरवरी से विधानसभा का सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित दिया दिया था। अब सत्र शुरू करने के लिए राज्यपाल की मंजूरी आवश्यक है।
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