पुराने वाहनों पर ग्रीन टैक्स लगाएगी सरकार, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने दी प्रस्ताव को मुज़ूरी
जनता से रिश्ता वेब डेस्क। सड़क परिवहन एवं हाईवे मंत्री नितिन गडकरी पुराने वाहनों पर ग्रीन टैक्स लागू करने के सरकार के प्रस्ताव को मुज़ूरी दे दी है. इस फैसले का उद्देश्य पुराने अयोग्य और प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को बाज़ार से हटाना है ताकि पर्यावरण को साफ-सुथरा बनाया जा सके. फिलहाल यह प्रस्ताव प्रारंभिव दौर में है और इसे आधिकारिक तौर पर लागू करने से पहले राज्यों को परामर्श के लिए भेजा जाएगा. इस प्रस्ताव में लोगां को प्रदूषण फैलाने वाले पुराने वाहनों के इस्तेमाल से रोकना है और कम प्रदूषण फैलाने वाले नए वाहनों को खरीदने के लिए प्रोत्साहित करना शामिल है. 15 साल से पुरानी कारें जो सरकारी या पीएसयू द्वारा इस्तेमाल की जा रह हैं उन्हें जल्द नश्ट किया जाएगा. भारत सरकार 1 अप्रैल 2021 से ऐसे वाहनों के लिए स्क्रैपेज पॉलिसी लाने वाली है.
15 साल से पुरानी कारें जो सरकारी या पीएसयू द्वारा इस्तेमाल की जा रह हैं उन्हें जल्द नश्ट किया जाएगा
ग्रीन टैक्स के बारे में बात करें तो इस प्रस्ताव में 8 साल से पुराने वाहनों पर ग्रीन टैक्स लिया जाएगा जब उनकी योग्यता का सर्टिफिकेट रिन्यू कराया जाएगा. यह राषि रोड टैक्स की 10 प्रतिशत से 25 प्रतिशत तक हो सकती है. निजी वाहनों की बात करें तो 15 साल से पुराने वाहनों की योग्यता का सर्टिफिकेट रिन्यू कराते समय ग्रीन टैक्स लिया जाएगा. बुरी खबर यह है कि जिन शहरों में प्रदेषण ज़्यादा है, वहां वाहन का दोबारा रजिस्ट्रेशन कराने पर कुल रोड टैक्स का 50 प्रतिशत तक टैक्स वसूला जाएगा.
electric कार्स इंधन और वाहन के प्रकार के आधार पर टैक्स स्लैब अलग-अलग होंगे
इस प्रस्ताव में वाहन के इंधन और वाहन के प्रकार के आधार पर टैक्स स्लैब अलग-अलग होंगे. हाईब्रिड, इलेक्ट्रिक वाहन और सीएनजी, ऐथेनॉल और एलपीजी जैसे इंधन विकल्प वाले वाहनों पर इस टैक्स से छूट दी जा सकती है. खेती के लिए इस्तेमाल में आने वाले वाहन जैसे ट्रैक्टर, हार्वेस्टर और टिलर जैसे वाहनों पर भी टैक्स माफ किया जा सकता है.
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सरकार का कहना है कि कुल कमर्शियल वाहनों में 5 प्रतिशत ऐसे वाहन हैं जो कुल प्रदूषण की 65-70 प्रतिशत हिस्सेदारी रखते हैं. इसके सभी वाहनों में सिर्फ 1 प्रतिशत वाहन ऐसे हैं जिनका उत्पादन साल 2000 से पहले हुआ है, लेकिन ये सभी वाहन कुल मात्रा का 15 प्रतिशत प्रदूषण पैदा करते हैं. नए वाहनों से तुलना करें तो पुराने वाहन 10 से 25 प्रतिशत ज़्यादा प्रदूषण फैलाते हैं और सरकार इन्हीं वाहनों पर ग्रीन टैक्स लगाकर पर्यावरण को साफ बनाने का प्रयास कर रही है.