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सरकारी डॉक्टर रिश्वत लेते गिरफ्तार, विजिलेंस टीम ने घर की ली तलाशी तो मिले लाखों रुपये

jantaserishta.com
17 Feb 2022 4:54 PM GMT
सरकारी डॉक्टर रिश्वत लेते गिरफ्तार, विजिलेंस टीम ने घर की ली तलाशी तो मिले लाखों रुपये
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बड़ी खबर

पुरी: ओडिशा में पुरी जिले के चारीछक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनात डॉक्टर एसके जेना को विजिलेंस की टीम ने 8 हजार रुपये रिश्वत लेते पकड़ा है. डॉक्टर सिजेरियन सेक्शन के लिए पैसे ले रहा था. उसके बाद विजिलेंस की टीम ने डॉक्‍टर के घर पर छापेमारी की. इस दौरान नकद 1.12 करोड़ रुपए म‍िले हैं. टीम ने भारी नकदी के अलावा अन्‍य संपत्ति का भी खुलासा किया है. डॉक्टर एसके जेना ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती एक मरीज का ऑपरेशन करने के लिए 8 हजार रुपये रिश्वत की माग की थी. विजिलेंस अधिकारियों के अनुसार एक साथ इतनी बड़ी राशि बरामदगी की पुरी में यह पहली घटना है.

आपको बता दें कि ओडिशा में इससे पहले भी मेडिकल अफसर को रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया है. साल 2021 में सुंदरगढ़ जिले के हेमगिर सामूहिक स्वास्थ्य केंद्र के मेडिकल अफसर डॉ श्रद्धाकर गरतिया को 5000 रुपये रिश्वत लेते विजिलेंस विभाग ने रंगे हाथ गिरफ्तार किया था. वह सीएचसी परिसर स्थित अपने आवास पर रिश्वत ले रहे थे. इसी दौरान विजिलेंस की टीम ने उन्हें रंगे हाथ गिरफ्तार किया था.
डॉ श्रद्धाकर गरतिया को सुंदरगढ़ की विशेष विजिलेंस कोर्ट में पेश किए जाने के बाद जेल भेज दिया गया था. हेमगिर सामूहिक स्वास्थ्य केंद्र की पूर्व महिला एमपीएचडब्ल्यू और वर्तमान में मंगसपुर सीएचसी के एमपीएचडब्ल्यू कार्यरत कल्पना पटेल साल 2016 में दो दिन की छुट्टी रेगुलर करने के लिए श्रद्धाकर गरतिया से अनुरोध करते आ रही थी, लेकिन इसके लिए उन्होंने महिला कार्यकर्ता से 5000 रुपये की रिश्वत मांगी थी.
महिला कार्यकर्ता ने इस संबंध में विजिलेंस विभाग से शिकायत की थी. विजिलेंस विभाग की टीम ने इस संबंध में एक मामला दर्ज करते हुए जांच शुरू की थी. जांच में रिश्वत मांगने की बात साफ होने के बाद डॉक्टर को पकड़ने के लिए विजिलेंस ने जाल बिछाया थ. डॉक्टर अपने सरकारी क्वार्टर में महिला कार्यकर्ता से रिश्वत की राशि ले रहे थे, वैसे ही उन्हें रंग लगी रिश्वत की राशि के साथ विजिलेंस की टीम ने घर दबोच लिया. इसके बाद विजिलेंस की टीम ने उनके सरकारी क्वार्टर , कार्यालय और अन्य जगहों पर छापामारी कर विभिन्न दस्तावेज जब्त किए थे. पूछताछ में डॉक्टर ने अपना गुनाह कबूल किया था.
वहीं देश के कई जगहों पर भी पहले डॉक्टरों का रिश्वत लेने का मामला सामने आया है. साल 2021 में भी बिहार के खगडिया जिले में विजिलेंस की टीम ने एक रिश्वतखोर डॉक्टर और चिकित्सा प्रभारी डॉ एसके सुमन को अरेस्ट किया था. डेढ़ लाख रुपये घूस लेते हुए डॉक्टर को रंगेहाथ गिरफ्तार किया गया था.
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