पालमपुर। सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण राष्ट्रीय राजमार्ग पठानकोट-मंडी फोरलेन परियोजना के कार्य को लेकर परियोजना निदेशक विकास सुर्जेवाला ने पिछले कुछ समय से चल रही अटकलों पर यह कहकर विराम लगा दिया है कि परौर से पधर तक 75 किलोमीटर मार्ग का निर्माण फोरलेन में ही होगा, जबकि पधर से बिजनी तक 25 किलोमीटर मार्ग …
पालमपुर। सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण राष्ट्रीय राजमार्ग पठानकोट-मंडी फोरलेन परियोजना के कार्य को लेकर परियोजना निदेशक विकास सुर्जेवाला ने पिछले कुछ समय से चल रही अटकलों पर यह कहकर विराम लगा दिया है कि परौर से पधर तक 75 किलोमीटर मार्ग का निर्माण फोरलेन में ही होगा, जबकि पधर से बिजनी तक 25 किलोमीटर मार्ग टू लेन रहेगा जिसका टैंडर एनएचआईए द्वारा लगा दिया गया है। सुर्जेवाला ने बताया कि पठानकोट-मंडी फोरलेन मार्ग परियोजना में सड़क विशेषज्ञों द्वारा पूरे मानक व तौर तरीकों के अंतर्गत इसे 9 चरणों में पूरा किया जाएगा।
शुरूआती दौर में एनएचएआई द्वारा पालमपुर से मंडी तक ट्रैफिक कम होने के कारण प्रारूप में बदलाव कर इसे टू लेन बनाने पर विचार हो रहा था लेकिन लेह-लद्दाख को जोड़ने वाली परियोजना के रणनीतिक महत्व को देखते हुए इसे फोरलेन बनाने का ही फैसला लेना पड़ा था। अब परौर से आगे यह फोरलेन पालमपुर, पपरोला, बैजनाथ, ऐहजू, चौंतड़ा व जोगिंद्रनगर को बाईपास करता हुआ पधर तक पहुंच जाएगा। इस फोरलेन के बनने के बाद जोगिंद्रनगर से चंडीगढ़ का रास्ता 4 घंटे का तथा पालमपुर से चंडीगढ़ का रास्ता पौने 5 घंटे का रह जाएगा। इन सभी बाजारों से फोरलेन मार्ग 3 या 4 किलोमीटर नीचे से गुजर जाएगा जबकि जोगिंद्रनगर से आगे पधर तक कुछ क्षेत्र काफी दूर रह जाएंगे।