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फिर से बाढ़ के हालात बनें, 20 गांवों पर मंडराया खतरा

Admin2
28 Sep 2022 1:07 PM GMT
फिर से बाढ़ के हालात बनें, 20 गांवों पर मंडराया खतरा
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कासगंज: रौरा बैराज से एक लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़े जाने के बाद कासगंज जिले में फिर से बाढ़ के हालात बन गए हैं। गंगा नदी के तटवर्ती इलाकों में पानी भरने लगा है। बांध कटने से प्रभावित गांव में हालात अभी भी जस के तस बने हुए हैं। कटान प्रभावित गांव बरौना में गंगा का पानी पहुंच गया है। कादरगंज इलाके के 20 तटवर्ती गांवों पर खतरा मंडराने लगा है। बाढ़ की स्थिति को देखते हुए लोग चिंतित हैं। सिंचाई विभाग का कहना है कि शीघ्र ही जलस्तर में कमी आएगी।

बुधवार को नरौरा से पानी का डिस्चार्ज 24 घंटे में 28 हजार क्यूसेक बढ़ गया। यह डिस्चार्ज बढ़कर एक लाख नौ हजार क्यूसेक हो गया। यह जलस्तर लो फ्लड लेवल पर आ गया। बारिश के कारण पहले से ही खेतों और निचले इलाकों में पानी भरा हुआ था। अब बाढ़ का पानी पहुंचने लगा है। नवाबगंज नगरिया, समसपुर बगवास इलाके में पहले से ही बांध कट गया था। बांध कट जाने के कारण छह गांव में पानी पहुंच गया। जिससे फसलें पानी में डूब गईं। आबादी तक भी पानी ने दस्तक ने दी है।
नगला तरसी में भी पानी काफी भर गया। ग्रामीण यहां जगह-जगह मिट्टी डालकर पानी को रोकने की कोशिश करते रहे। जलस्तर बढ़ने से कादरगंज इलाके के 20 गांव और प्रभावित होने की आशंका बनी हुई है। कटान पीड़ित गांव बरौना में गंगा की उफनती धारा का पानी गांव में पहुंच गया। यहां खेतों में पानी पहुंच गया है, वहीं कटान की जद में आए ग्रामीण भूरे के मकान के चारों ओर मिट्टी कट गई है। यह मकान एक टापू के रूप में आ गया है।
गंजडुंडवारा क्षेत्र में गंगा के तटवर्ती बाढ़ प्रभावित गांव बगवास, नवाबगंज नगरिया, नगला तरसी व आसपास के गांवों की विद्युत आपूर्ति को विद्युत निगम ने बंद कर दिया है। जिससे कहीं कोई हादसा न हो। बाढ़ की मुसीबत झेल रहे लोगों की विद्युत आपूर्ति बंद होने से परेशानियां और बढ़ गई हैं। लोग मोमबत्ती आदि का प्रयोग कर रहे हैं। विद्युत विभाग के अपर अभियंता अब्दुल्ला ने बताया कि हादसे की आशंका को देखते हुए आपूर्ति काटी गई है।
सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता अरुण कुमार ने बताया कि नरौरा से एक लाख नौ हजार क्यूसेक पानी का डिस्चार्ज होने के कारण लो फ्लड के हालात बन गए हैं। बांधों की मरम्मत पूरी कर ली गई है। बरौना में पानी रोकने की कोशिशें की जा रहीं हैं। खेतों में पानी भर गया है। अगले चौबीस घंटे में पानी कम होने लगेगा जिससे राहत मिलेगी।
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