अफ्रीकी देशों में खेती करेंगे हरियाणा के किसान, सरकार बना रही योजना
चंडीगढ़। हरियाणा के किसान आने वाले दिनों में अफ्रीकी देशों में जमीन लेकर वहां भी खेती कर सकेंगे। इसके लिए राज्य सरकार द्वारा योजना बनाई जा रही है। रोटावेटर और आलू बिजाई की मशीनों पर भी सरकार ने सब्सिडी देने का निर्णय लिया है। दोनों मशीनों की सब्सिडी योजना में एक सप्ताह के अंदर शामिल …
चंडीगढ़। हरियाणा के किसान आने वाले दिनों में अफ्रीकी देशों में जमीन लेकर वहां भी खेती कर सकेंगे। इसके लिए राज्य सरकार द्वारा योजना बनाई जा रही है। रोटावेटर और आलू बिजाई की मशीनों पर भी सरकार ने सब्सिडी देने का निर्णय लिया है। दोनों मशीनों की सब्सिडी योजना में एक सप्ताह के अंदर शामिल कर दिया जाएगा। शनिवार को बाढ़ प्रभावित किसानों के साथ आडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये संवाद के दौरान मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने यह घोषणा की।
सीएम ने कहा कि पराली प्रबंधन के मामले में हरियाणा के किसानों का विशेष सहयोग रहा है। पराली से बिजली उत्पादन के लिए सरकार कुरुक्षेत्र, कैथल, फतेहाबाद और जींद में बायोमास परियोजनाएं शुरू कर चुकी है। इनसे 30 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है। आने वाले दिनों में इनकी क्षमता बढ़ेगी और नये प्लांट स्थापित किए जाएंगे। पराली का उपयोग ईंधन बनाने में भी किया जा रहा है। पानीपत रिफाइनरी में दुनिया का पहला ऑफ गैस आधारित थ्री-जी एथेनॉल प्लांट स्थापित किया है।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि योजना की 15वीं किस्त के तौर पर प्रदेश के 8 लाख 74 हजार किसानों को 175 करोड़ रुपये की सहायता मिली है। सीएम ने कहा कि सरकार ने बाढ़ से प्रभावित किसानों को मुआवजा दिया है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में दोबारा से फसलों की बिजाई करने वाले किसानों को प्रति एकड़ सात हजार रुपये का मुआवजा दिया है। प्राकृतिक आपदा से खराब हुई फसलों के लिए किसानों को पिछली सरकार ने 10 हजार रुपये प्रति एकड़ मुआवजा राशि दी जाती थी, उसे बढ़ाकर 15 हजार रुपये प्रति एकड़ किया है।