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नई दिल्ली (आईएएनएस)| प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को कहा कि उसने सलारपुरिया सžव समूह के परिसरों में तलाशी अभियान चलाया और 316 बैंक खातों में पड़े 49.99 करोड़ रुपये के बैंक बैलेंस को सीज कर लिया। ईडी ने 29 लाख रुपये नकद और विदेशी मुद्रा (कई देशों की) भी जब्त की है, जिसके लिए मूल्य की गणना की जा रही है।
अधिकारी ने कहा कि यह तलाशी हीरा समूह द्वारा अपराध की आय को स्थानांतरित करने के माध्यम से मनी लॉन्ड्रिंग की चल रही जांच के संबंध में की गई थी।
ईडी को जांच में पता चला था कि 41 करोड़ रुपये की अपराध आय को बेंगलुरू की एक कंपनी नीलांचल टेक्नोकेट्र्स प्राइवेट लिमिटेड (सलारपुरिया सžव समूह का हिस्सा) और कोलकाता, शिलांग में पंजीकृत कई अन्य शेल संस्थाओं को स्थानांतरित कर दिया गया था।
अधिकारियों ने कहा, "सलारपुरिया सžव समूह का नियंत्रण बिजय कुमार अग्रवाल के हाथ में है और इसके समूह के निदेशक प्रदीप धंधनिया और अश्विन संचेती ने हैदराबाद के तोलीचौकी में एक भूमि पार्सल के लिए अचल संपत्ति सौदे पर बातचीत की और अपराध की आय को शेल संस्थाओं को स्थानांतरित करने का निर्देश दिया। विभिन्न अन्य शेल कंपनियों की पहचान की गई थी। तलाशी के दौरान यह पता चला कि इन फंडों को कोलकाता में पंजीकृत उनके समूह एनबीएफसी के माध्यम से सलारपुरिया सžव समूह की कंपनियों में वापस भेज दिया गया था।"
अधिकारी ने कहा कि सल्लरपुरिया समूह के निदेशक इन लेन-देन के व्यावसायिक औचित्य और कोलकाता और शिलांग की मुखौटा कंपनियों के माध्यम से अपराध की आय को निर्धारित करने के कारणों की व्याख्या नहीं कर सके।
ईडी द्वारा कई परतों के माध्यम से की गई एक खोज ने हस्तांतरित अपराध की आय का पता लगाने और मनी लॉन्ड्रिंग के सबूत इकट्ठा करने में मदद की। मामले में आगे की जांच जारी है।
jantaserishta.com
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