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ईडी को मिली जानकारी, अधिकारियों ने कहा पार्थ को ब्लैकमेल करती थी अर्पिता
jantaserishta.com
21 Aug 2022 8:11 AM GMT
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कोलकाता: पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले में पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी की गिरफ्तारी के बाद उनके बीच मिलीभगत की कई जानकारियां केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय के हाथ लगी है. इस बात के स्पष्ट संकेत हैं कि वे कम से कम 2012 से संपर्क में थे. उनके नाम संयुक्त स्वामित्व की संपत्ति भी पाई गई है. इसी बीच, एक और विस्फोटक जानकारी ईडी के अधिकारियों के हाथ लगी है. सूत्रों के मुताबिक अर्पिता मुखर्जी पार्थ चटर्जी को ब्लैकमेल करती थी. अर्पिता ने राज्य के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी को फंसाने देने की भी धमकी देती थी.
सूत्रों के मुताबिक अर्पिता मुखर्जी ने पैसे रखने पर उनसे 30 फीसदी कमीशन की मांग की थी और यह भी खबर है कि पैसे का भुगतान नहीं करने पर पार्थ चटर्जी को जानकारी सार्वजनिक करने की धमकी दी गई थी. बताया गया है कि अर्पिता ने पार्थ चटर्जी द्वारा दिए गए कमीशन के पैसे से अपने नाम पर संपत्ति खरीदी थी.
अर्पिता मुखर्जी पार्थ चटर्जी से लेती थी कमीशन
ईडी सूत्रों के मुताबिक अर्पिता मुखर्जी के घर से बरामद हुए पैसों को रखने के लिए अर्पिता कमीशन लेती थी. सूत्रों से यह भी पता चलता है कि 2012 में वह करीब 10 करोड़ रुपए लेकर गायब हो गई थी. पार्थ चटर्जी से झगड़ा के कारण यह हुआ था. पार्थ चटर्जी ने अर्पिता को वापस लाने के लिए हर संभव कोशिश की. अंत में, हालांकि, अर्पिता को पूर्व मंत्री द्वारा वापस लाने में सफल रहे थे, लेकिन फिर भी अर्पिता एक बार फिर और पैसे लेकर मुंबई चली गई. बाद में फिर वापस आ गई. उस समय पार्थ चटर्जी ने अर्पिता के साथ एक नया समझौता किया. सूत्र के अनुसार कमीशन की राशि में और वृद्धि की गई.
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