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Drone Rules 2021: ड्रोन रूल्स का ड्राफ्ट तैयार, नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने मांगी लोगों की प्रतिक्रियाएं
jantaserishta.com
15 July 2021 9:45 AM GMT
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जम्मू-कश्मीर में एयरफोर्स स्टेशन पर ड्रोन से हुए हमले के बाद केंद्र सरकार देश में ड्रोन की उड़ानों को रेगुलेट करने के लिए विस्तृत कानून लेकर आ रही है. केंद्र ने ड्रोन रूल्स 2021 (The Drone rules 2021) का अपडेटेड मसौदा आज जारी कर दिया है. इस मसौदे पर आम लोगों की प्रतिक्रिया मांगी गई है.
उड्डयन मंत्रालय द्वारा जारी ड्राफ्ट के अनुसार ड्रोन उड़ाने के लिए सरकार ने कई मंजूरी कम कर दी है. इस मसौदे के अनुसार सरकार देश में ड्रोन उड़ान को विस्तार देना चाहती है. तो वहीं सुरक्षा के लिए जिओ फेंसिंग, रियल टाइम ट्रैकिंग जैसी विशेषताएं लेकर सरकार आ रही है.
ड्रोन रूल्स 2021 ड्राफ्ट का हाईलाइट्स
सरकार ने यूनिक ऑथोराइजेशन नंबर, यूनिक प्रोटोटाइप पहचान संख्या, सर्टिफिकेट ऑफ कॉन्फॉर्मेंस, मेंटेनेंस सर्टिफिकेट, आयात मंजूरी, मौजूदा ड्रोन की स्वीकृति, ऑपरेटर परमिट, आर एंड डी संगठन का ऑथोराइजेशन, स्टूडेंट रिमोट पायलट लाइसेंस, रिमोट पायलट इंस्ट्रक्टर ऑथोराइजेशन, ड्रोन पोर्ट ऑथोराइजेशन पर स्वीकृतियों से राहत दी है.
ड्रोन लाइसेंस के लिए फॉर्म की संख्या 25 से घटाकर 6 कर दी गई है.
अब हवाई अड्डों के आस पास के दायरे में येलो जोन को 45 किलोमीटर से घटाकर 12 किलोमीटर कर दिया गया है. मतलब अब एयरपोर्ट के आसपास ज्यादा एरिया में ड्रोन उड़ाए जा सकेंगे.
हरित क्षेत्रों में 400 फीट तक और एयरपोर्ट की परिधि से 8 से 12 किमी के बीच के क्षेत्र में 200 फीट तक उड़ान की परमिशन की जरूरत नहीं होगी.
ड्रोन टैक्सियां उड़ाने की तैयारी
ड्रोन का कवरेज 300 किलोग्राम से बढ़ाकर 500 किलोग्राम किया गया. इसमें ड्रोन टैक्सियां भी शामिल होंगी.
सभी ड्रोन ट्रेनिंग और ट्रायल एक ऑथोराइज्ड ड्रोन स्कूल द्वारा किए जाने हैं. डीजीसीए ट्रेनिंग जरूरतों को निर्धारित करेगा, ड्रोन स्कूलों की निगरानी करेगा और ऑनलाइन पायलट लाइसेंस प्रदान करेगा.
ड्रोन का ट्रांसफर और डीरजिस्ट्रेशन होगा आसान
ड्रोन के ट्रांसफर और डीरजिस्ट्रेशन के लिए आसान प्रक्रिया निर्धारित की गई है
भविष्य में ड्रोन के मार्केट को बढ़ावा देने के लिए कार्गो डिलीवरी ड्रोन से करने पर विचार किया जा रहा है. इसके लिए ड्रोन कॉरिडोर विकसित किए जाएंगे.
ड्रोन परिचालन को बढ़ावा देने के लिए ड्रोन प्रमोशन काउंसिल की स्थापना की जाएगी.
सुरक्षा के लिए जियो फेंसिंग, रियल टाइम ट्रैकिंग की पॉलिसी
'नो परमिशन-नो टेक-ऑफ' (एनपीएनटी), रीयल-टाइम ट्रैकिंग बीकन, जियो-फेंसिंग आदि जैसी सुरक्षा सुविधाओं को भविष्य में नोटिफाई किया जाएगा. इनके लिए अनुपालन (compliance) के लिए छह महीने का समय दिया जाएगा.
बता दें कि ड्रोन नियम, 2021 को UAS नियम 2021 (12 मार्च 2021 को जारी) की जगह लागू करने की तैयारी है. मंत्रालय ने इस नए ड्राफ्ट पर आम लोगों से अपने विचार देने के लिए 5 अगस्त 2021 की तारीख तय की है.
इसके अलावा भारत में रजिस्टर्ड विदेशी कंपनियों को देश में ड्रोन उड़ाने पर कोई पाबंदी नहीं होगी. 2 किलो वजन के ड्रोन चलाने के लिए पायलट लाइसेंस की जरूरत नहीं होगी. इसके अलावा लाइसेंस जारी करने के पहले छोटे ड्रोन को उड़ाने के लिए सिक्युरिटी क्लियरेंस की जरूरत भी नहीं होगी.
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