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विदेशों में देश की छवि को ''कलंकित, धूमिल और अपमानित'' करनी वालो पर भड़के धनखड़

Harrison
15 Sep 2023 5:22 PM GMT
विदेशों में देश की छवि को कलंकित, धूमिल और अपमानित करनी वालो पर भड़के धनखड़
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भोपाल। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने उन लोगों की आलोचना की जो विदेशों में देश की छवि को ''कलंकित, धूमिल और अपमानित'' करते हैं, खासकर ऐसे समय में जब दुनिया भारत के विकास की प्रशंसा कर रही है। किसी का नाम लिए बिना उन्होंने कहा कि जब देश में कुछ अच्छा हो रहा होता है तो कुछ लोगों का हाजमा खराब हो जाता है। उन्होंने कहा, ‘‘ देश बहुत बढ़ रहा है कल्पना से परे बढ़ रहा है। हमारी उपलब्धियां पर दुनिया नाज कर रही है।
क्या कहा जा रहा है इंटरनेशनल मोनेटरी फंड द्वारा, कि दुनिया में यदि कहीं रोशनी है, आर्थिक जगत के लिए तो वह स्थान भारत है। भारत अवसर और निवेश की जगह है, हमारी अर्थव्यवस्था बढ़ रही है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ जब भारत में कुछ अच्छा होता है तो कुछ लोगों का हाजमा बहुत बिगड़ जाता है। वो पचा नहीं पाते। वो मौका ढूंढते हैं कि हमारे भारत को, हमारी संस्थाओं को कैसे कलंकित करें। वह दुनिया में फेरा लगा कर आग लगाते हैं।
किसी देश का नागरिक ऐसा नहीं करता।’’ उपराष्ट्रपति शुक्रवार को यहां माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के नए परिसर का उद्घाटन करने और दीक्षांत समारोह में भाग लेने के बाद छात्रों को संबोधित कर रहे थे। राज्यसभा के पदेन सभापति धनखड़ ने कहा कि संसद में जिस तरह की आजादी है, वह दुनिया के किसी भी कोने में नहीं है। उन्होंने कहा कि एक बार किसी मुद्दे पर चर्चा की समय सीमा ढाई घंटे से बढ़ाकर आधी रात तक कर दी गई थी, लेकिन जब चर्चा नहीं होती है तो यह अच्छा नहीं है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि स्वतंत्र प्रेस एक लोकतांत्रिक देश की रीढ़ है और पत्रकारों के कंधों पर बहुत बड़ी जिम्मेदारी होती है। उ
न्होंने पत्रकारों से आग्रह किया कि वे किसी भी राजनीतिक दल के हित में काम न करें या एजेंडा या बयान स्थापित करने के लिए उनके हाथों का उपकरण न बनें। उन्होंने कहा कि जब प्रेस जिम्मेदार होगा तभी प्रेस की स्वतंत्रता संभव हो सकती है। नयी दिल्ली में हाल ही में हुए जी20 शिखर सम्मेलन के सफल आयोजन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि दुनिया के सभी नेताओं ने भारत मंडपम (स्थल) की प्रशंसा की, लेकिन कुछ लोगों ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए दावा किया कि वहां पानी भर गया था।
उन्होंने कहा कि कुछ लोग देश को मिल रही प्रशंसा को पचा नहीं पा रहे हैं। धनखड़ ने कहा कि विश्व बैंक के भारतीय मूल के अध्यक्ष ने कहा है कि पिछले छह वर्षों में भारत में जिस तरह की आर्थिक प्रगति हुई है, वह पिछले 47 वर्षों में नहीं हुई थी। उपराष्ट्रपति ने कहा कि देश तभी प्रगति करेगा जब लोगों का मनोबल ऊंचा होगा। लोगों को विकास के मामले में अपना राजनीतिक चश्मा उतार देना चाहिए। आप किसी विचार से सहमत या असहमत हो सकते हैं। दीक्षांत समारोह में मध्य प्रदेश के जनसंपर्क मंत्री राजेंद्र शुक्ला, उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव और भोपाल से लोकसभा सदस्य प्रज्ञा सिंह ठाकुर सहित अन्य लोग शामिल हुए।
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