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संयुक्त किसान मोर्चा ने सरदार उधम सिंह के शहादत दिवस के अवसर पर आज देशव्यापी विरोध प्रदर्शन किया.
नई दिल्ली/चंडीगढ़ : संयुक्त किसान मोर्चा ने सरदार उधम सिंह के शहादत दिवस के अवसर पर आज देशव्यापी विरोध प्रदर्शन किया. ये प्रदर्शन केंद्र सरकार को किसानों से किए गए वादों की याद दिलाने के लिए था. संयुक्त किसान मोर्चा ने 3 जुलाई को अपनी राष्ट्रीय बैठक में केंद्र सरकार के विश्वासघात के खिलाफ सरदार उधम सिंह की शहादत दिवस पर 'राष्ट्रव्यापी चक्का जाम' का आह्वान किया था.
एसकेएम ने अपने बयान में कहा कि 'केंद्र सरकार ने किसानों को लेकर 9 दिसंबर 2021 को अपने पत्र में संयुक्त किसान मोर्चा से किए गए किसी भी वादे को पूरा नहीं किया है. सरकार अभी भी न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी पर चर्चा के लिए तैयार नहीं है. बताया जाता है कि कैबिनेट ने बिजली संशोधन विधेयक को संसद में रखने के लिए मंजूरी दे दी है. न ही किसानों के खिलाफ दर्ज झूठे मुकदमे वापस लिए गए हैं. एसकेएम ने अपने बयान में कहा 'अजय मिश्रा टेनी आज भी केंद्रीय मंत्रिपरिषद में बने हुए हैं.' पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, तमिलनाडु, गुजरात, त्रिपुरा सहित अन्य राज्यों में विरोध प्रदर्शन और चक्का जाम किया गया. संयुक्त किसान मोर्चा के मुताबिक हजारों किसान एक साथ आए.
संयुक्त किसान मोर्चा ने अपनी छह मांगों को दोहराया है. C2 + 50% फॉर्मूला के आधार पर सभी उपज के लिए एमएसपी की कानूनी गारंटी, बिजली संशोधन विधेयक, 2020/2021 के मसौदे को वापस लेने, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन अधिनियम 2021 के तहत किसानों पर दंडात्मक प्रावधानों को हटाना, आंदोलन के दौरान किसानों के खिलाफ मामलों की वापसी, राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी की बर्खास्तगी और गिरफ्तारी और शहीदों के परिवारों को मुआवजा और पुनर्वास आदि. इसके साथ ही एसकेएम अग्निपथ योजना के खिलाफ 7 अगस्त से 14 अगस्त तक देश भर में 'जय-जवान जय-किसान' सम्मेलन आयोजित करेगा.
संयुक्त किसान मोर्चा राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी की बर्खास्तगी और गिरफ्तारी की मांग को लेकर 18-19-20 अगस्त को लखीमपुर खीरी में 75 घंटे का स्थायी मोर्चा आयोजित करेगा, जिसमें किसान नेता व देश भर के कार्यकर्ता भाग लेंगे. संयुक्त किसान मोर्चा ने केंद्र सरकार को चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं तो आने वाले महीनों में किसान आंदोलन तेज किया जाएगा.
पंजाब में प्रदर्शन : पंजाब भर के किसानों ने रविवार को सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक चार घंटे का 'रेल रोको' विरोध प्रदर्शन किया. किसानों ने अपनी मांगों को पूरा नहीं करने पर केंद्र सरकार के खिलाफ अमृतसर, बठिंडा के वल्लाह में रेलवे ट्रैक को अवरुद्ध कर दिया और अंबाला, पंचकूला के बरवाला और कैथल के चीका में शंभू टोल प्लाजा पर विरोध प्रदर्शन किया.
कांग्रेस ने किसानों के मुद्दे पर सड़क से संसद तक लड़ाई का संकल्प लिया : उधर, कांग्रेस ने रविवार को कहा कि वह सरकार की 'जन विरोधी नीतियों' का पुरजोर तरीके से विरोध करती है और किसानों की उपज के वास्ते न्यूनतम समर्थन मूल्य सुनिश्चित कराने के लिए सड़क से संसद तक लड़ाई लड़ेगी. पार्टी ने अखिल भारतीय किसान कांग्रेस के पदाधिकारियों की दो दिवसीय बैठक के बाद यह बात कही. इसके नवनियुक्त प्रमुख सुखपाल सिंह खैरा ने कहा कि वह किसानों और मजदूरों की समस्याओं को जानने के लिए देश भर में दौरा करेंगे और उन्हें समर्थन देंगे. खैरा ने कहा कि वह सड़क से संसद तक किसानों और मजदूरों की लड़ाई लड़ेंगे.
उन्होंने कहा कि सरकार प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) जैसी संस्थाओं का जितना चाहे 'दुरुपयोग' करे, लेकिन पार्टी डटी रहेगी और केंद्र की 'जनविरोधी' नीतियों का पुरजोर विरोध करेगी. खैरा ने किसान कांग्रेस के निवर्तमान अध्यक्ष नाना पटोले और उनकी टीम के काम की सराहना की. उन्होंने कहा कि जिसने भी पिछले चार वर्षों में लगन से काम किया है, उसे निश्चित रूप से पदोन्नत किया जाएगा. साथ ही खैरा ने कहा कि किसान कांग्रेस जल्द ही एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित करेगी, जिसमें पार्टी के शीर्ष नेता भी शामिल होंगे. उन्होंने कहा कि सरकार ने तीन नए कृषि कानूनों के जरिए देश के किसानों और मजदूरों के साथ 'धोखा' किया था.
सोर्स- etv bharat hindi
Rani Sahu
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